मराठा आरक्षण: मुख्यमंत्री ने कहा - कानूनी दायरे में समाधान खोजने का प्रयास, हाईकोर्ट के निर्देशों का करेंगे पालन

मुख्यमंत्री ने कहा - कानूनी दायरे में समाधान खोजने का प्रयास, हाईकोर्ट के निर्देशों का करेंगे पालन

Mumbai News. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण के लिए कानूनी दायरे में रहते हुए समाधान खोजने का प्रयास कर रही है। ताकि सरकार का फैसला अदालत में कानूनी रूप से टिक सके। सोमवार को मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण को लेकर अपने सरकारी आवास वर्षा पर बैठक की। इसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मराठा आरक्षण के लिए गठित राज्य मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटील, सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे समेत संबंधित अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक को लेकर पुणे में मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आंदोलन को लेकर सरकार का रैवया अडियल नहीं है। पर सरकार चर्चा करे तो किससे करे? सरकार को कोई अंहकार नहीं है। लेकिन माइक पर चर्चा नहीं होती है। यदि चर्चा के लिए कोई सामने आया तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है।

हाईकोर्ट के निर्देशों का करेंगे पालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट ने आंदोलन में नियमों और शर्तों का उल्लंघन को लेकर नाराजगी जताई है। इसको लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं। सरकार हाईकोर्ट के निर्देशों का उचित पालन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आरोप लगाना गलत होगा कि आंदोलन में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। क्योंकि जहां पर भी रास्ता रोकने की कोशिश हुई है। पुलिस ने 15 से 30 मिनट के भीतर स्थिति को संभाल लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला पत्रकारों से विनयभंग की घटना आंदोलन पर दाग लगाने वाली है। आंदोलनकारियों द्वारा महिला पत्रकारों का मखौल उड़ाया जाना महाराष्ट्र की संस्कृति के लिए अशोभनीय है।

समाजिक मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद करें सुप्रिया

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर राकांपा (शरद) की सांसद सुप्रिया सुले के बयान पर पलटवार किया है। पुणे में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रिया समेत विपक्ष के नेताओं को समाजिक मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रिया को स्वयं से यह सवाल पूछना चाहिए कि मराठा समाज का आंदोलन इतना भड़का क्या? एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राकांपा (शरद) के अध्यक्ष शरद पवार ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से संविधान संशोधन करने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहले स्पष्ट कर चुका है कि आरक्षण का मामला राज्य सरकार के अधीन है। इसलिए इस पर सरकार को ही फैसला लेने का अधिकार है।


Created On :   1 Sept 2025 9:43 PM IST

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