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बॉम्बे हाई कोर्ट: जरांगे पाटील और आंदोलनकारियों को आजाद मैदान समेत मुंबई के सभी इलाके खाली करने का निर्देश

- अदालत ने जरांगे पाटील को आजाद मैदान में प्रदर्शन के लिए नए अनुमति लेने को कहा
- आरक्षण आंदोलनकारियों को 2 सितंबर दोपहर तक आजाद मैदान समेत मुंबई के सभी इलाकों को खाली करने का दिया निर्देश
Mumbai News. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज मनोज जरांगे पाटील और आरक्षण आंदोलनकारियों से मंगलवार दोपहर तक आजाद मैदान समेत मुंबई के सभी इलाके खाली करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि जरांगे और आरक्षण आंदोलनकारियों ने आजाद मैदान में आंदोलन करने के लिए उन्हें दी गई अनुमति की प्रथम दृष्टया शर्तों का उल्लंघन किया है। हमें उम्मीद है कि जरांगे और उनके समर्थकों को उचित सलाह मिलेगी। वे 2 सितंबर तक मुंबई खाली कर देंगे और पीठ के 26 अगस्त के आदेश 2025 के नियमों और हमारे निर्देशों का पालन करेंगे।
न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की अवकाश कालीन विशेष पीठ ने सामाजिक संस्था अमय फाउंडेशन समेत अन्य की याचिकाओं पर कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि मुंबई में आम आदमी का जीवन सामान्य हो और शहर को ठप न किया जाए। 2025 के नियम लागू होने के बाद से हर समय हम जरांगे और अन्य को स्थिति को तुरंत सुधारने और यह सुनिश्चित करने का अवसर देते हैं कि सड़कों की सफाई हो और प्रदर्शनकारियों के कब्जे से मुक्त हो, जिसमें मंगलवार दोपहर तक निर्दिष्ट स्थान को छोड़कर सभी ऐसे स्थान शामिल होंगे, जहां नाकाबंदी है।
पीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास विरोध प्रदर्शन जारी रखने की वैध अनुमति नहीं है। इसलिए हम राज्य सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह हाई कोर्ट के पूर्व आदेश और जनसभा, आंदोलन और जुलूस नियम 2025 के मद्देनजर उचित कदम उठाने के लिए कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करे। 26 अगस्त को पीठ ने कहा था कि जरांगे पाटील और उनके सहयोगी आजाद मैदान में तब तक कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे, जब तक कि वे जनसभा, आंदोलन और जुलूस नियम 2025 के तहत अनुमति नहीं ले लेते।
पीठ ने प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों से कहा कि वे जारेंज पाटील को यह सुनिश्चित करने के लिए मनाएं कि 5000 से अधिक संख्या में आंदोलनकारी सड़कों और मुंबई शहर को खाली कर दें और सक्षम अधिकारियों को नए आवेदन देकर केवल 5000 लोगों को विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी। पीठ ने कहा कि अगर और भी प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश करना चाहते हैं, जैसा कि महाधिवक्ता और अन्य वकीलों ने हमें बताया है कि वे लाखों की संख्या में आएंगे। हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि वह ऐसे प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए कदम उठाएं, जो इस निर्देश के पालन के लिए प्रासंगिक हों।
सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस पीठ के अगले आदेश और राज्य सरकार द्वारा 2025 के नियमों के तहत पारित आदेश तक और प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश न करें। आरक्षण कार्यकर्ता ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र आरक्षण के नियमों के अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पीठ ने कहा कि अपने निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए वह सभी प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा सहायता और भोजन के पैकेट प्रदान करने की अनुमति देती है। बशर्ते कि वे सभी अगले आदेशों के अधीन आजाद मैदान में एकत्रित हों। पीठ ने यह भी आदेश दिया कि अगर जरांगे पाटील के स्वास्थ्य संबंधी मानदंडों के कारण कोई चिकित्सीय स्थिति उत्पन्न होती है या उनकी सेहत बिगड़ती है, तो राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सहायता दी जाए।
Created On :   1 Sept 2025 9:31 PM IST