बढ़ते आंकड़े: महाराष्ट्र बच्चों के लिए बना सबसे असुरक्षित राज्य, मध्य प्रदेश को छोड़ा पीछे

महाराष्ट्र बच्चों के लिए बना सबसे असुरक्षित राज्य, मध्य प्रदेश को छोड़ा पीछे
  • राज्य में सबसे ज्यादा बच्चे हुए आपराधिक वारदातों का शिकार
  • यौन अपराध और अपरहरण की घटनाएं सबसे ज्यादा

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र,.. मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए बच्चों के लिए सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में राज्य में ऐसे 20762 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें बच्चों को शिकार बनाया गया है यह संख्या बच्चों के खिलाफ देशभर में हुए कुल अपराधों का 12.8 फीसदी है। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर है और यहां 20 हजार 415 मामलों में बच्चों के खिलाफ अपराध किए गए। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है और यहां 18 हजार 682 बच्चे आपराधिक वारदातों का शिकार हुए हैं। इसके बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा बच्चों को निशाना बनाया गया। हालांकि दिल्ली में बच्चों के खिलाफ अपराध की दर सबसे ज्यादा (134.9) है। इसके बाद मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र का नंबर आता है। बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता जताते हुए चाइल्ड राइट्स एंड यू की सीईओ पूजा मारवाह ने कहा कि देशभर में बच्चों के खिलाफ बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले 2021 के मुकाबले 2022 में 8.73 फीसदी बढ़े हैं। साल 2021 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1 लाख 49 हजार 404 मामले सामने आए थे जो साल 2022 में बढ़कर लाख 62 हजार 449 हो गए। यानी हर घंटे बच्चों के खिलाफ 18 से ज्यादा अपराध हो रहे हैं। मारवाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डाले तो साल 2013 के मुकाबले साल 2022 में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध 179 फीसदी बढ़ गए हैं जबकि इसी दौरान देश में होने वाले कुल अपराधों में 12.3 फीसदी की कमी आई है।

यौन अपराध और अपरहरण की घटनाएं सबसे ज्यादा

बच्चों को बहला फुसलाकर अगवा करने और यौन उत्पीड़न की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं हैं। आंकड़ों के मुताबिक बच्चों को बहला फुसलाकर या धमकाकर अगवा करने के 74 हजार 284 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि पाक्सो के तहत 63 हजार 414 मामले दर्ज किए गए। बच्चों के खिलाफ हुए कुल अपराधों में से 85 फीसदी मामले इन्हीं दो तरह के अपराधों के हैं। यौन अपराध के 98.92 फीसदी मामलों में शिकार लड़कियां रहीं हैं वहीं 96.8 फीसदी मामलों में परिचितों और रिश्तेदारों ने ही उनका उत्पीड़न किया।

बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध भी 32 फीसदी बढ़े

बच्चों को शिकार बनाने वाले साइबर अपराध 32 फीसदी बढ़े हैं। देश में साल 2022 में बच्चों के खिलाफ हुए साइबर अपराध के कुल 1823 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि साल 2021 में यह आंकड़ा 1376 था। क्राई की सीईओ पूजा मारवाह कहती हैं कि ऑनलाइन घात लगाकर बैठे अपराधियों से बच्चों को बचाना बेहद जरूरी है। दर्ज मामलों में 1171 ऐसे हैं जिनमें बच्चों से जुड़ी पोर्नोग्राफी प्रसारित की गई या उन्हें दिखाई गई। इसी तरह उन्हें डराने धमकाने के भी 158 मामले सामने आए हैं। कोविड महामारी के चलते बच्चें ऑनलाइन पढ़ाई और मनोरंजन के विभिन्न प्लेटफॉर्म के संपर्क में आए लेकिन इसके बाद जोखिम काफी बढ़ गया है। मारवाह ने कहा कि बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए सरकार को बड़े पैमाने पर ठोस कदम उठाने होंगे।

असुरक्षित होता बचपन

2022 2021 2020

महाराष्ट्र 20762 17261 14371

मध्यप्रदेश 20415 19173 17008

उत्तर प्रदेश 18682 16838 15271

Created On :   7 Dec 2023 2:15 AM GMT

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