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जलयुक्त शिवार योजना के लिए 5807 गांवों का चयन
अमित कुमार, मुंबई । प्रदेश में जलयुक्त शिवार योजना 2.0 (दूसरे चरण) के तहत जलसरंक्षण के काम के लिए सबसे अधिक अमरावती के 417 गांवों का चयन किया गया है। जबकि अहमदनगर में 257 गांव, चंद्रपुर में 247 गांव, नागपुर में 243 गांव, नाशिक में 231 गांव और जलगांव में 244 गांव को चिन्हित किया गया है। जलयुक्त शिवार के कामों के लिए पूरे राज्य में 5 हजार 807 गांवों का चयन किया गया है। प्रदेश के मृदा व जलसंरक्षण विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि राज्य के हर संभाग में लगभग 800 गांवों का चयन करने के निर्देश संबंधित अफसरों को दिए गए थे। इसके अनुसार राज्य के 6 विभागों में 5 हजार से अधिक गांवों का चयन कर लिया गया है। जलयुक्त शिवार योजना के लिए चयनित गांवों में जलसंरक्षण के कामों का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इस प्रारूप पर जिला स्तरीय समिति से मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद गांवों में जलयुक्त शिवार के कामों की शुरुआत होगी।कई गांवों का प्रारूप तैयार भी कर लिया गया है। जलयुक्त शिवार योजना के तहत छोटे तालाबों और जलधारों पर बांध का निर्माण, सीमेंट के नाले बनाने, नदियों से गाद निकालने सहित जलसंरक्षण के लिए अन्य काम जाएंगे। इससे गांवों में भूजल स्तर बढ़ने के साथ ही सिंचाई क्षमता पैदा हो सकेगी।
किसे जिले में कितने गांवों में होगा काम
अधिकारी ने बताया कि भंडारा में 100 गांव, वर्धा में 177, वाशिम में 166, यवतमाल में 297, अकोला में 131, गडचिरोली में 184, गोंदिया में 178, बुलढाणा में 91, छत्रपति संभाजीनगर में 119, बीड़ में 73, हिंगोली में 73, जालना में 44, धाराशिव में 163, परभणी में 91,नांदेड़ में 194, लातूर में 128, ठाणे में 152, पालघर में 232, सिंधुदुर्ग में 125,रायगड में 238 गांव और रत्नागिरी में 134 गांव सहित दूसरे जिलों के गांवों को चयनित किया गया है।
इन गांवों को दी जाती है प्राथमिकता
जलयुक्त शिवार के कामों के लिए सूखा प्रभावित तहसीलों के गांवों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ ही जिन गांवों के ग्राम सभा की ओर से जलयुक्त शिवार का काम के लिए प्रस्ताव पारित किया जाता है। ऐसे गांवों को भी चयन किया जाता है।
पहले चरण के कामों का मरम्मत कार्य
अधिकारी ने बताया कि जलयुक्त शिवार योजना के पहले चरण में जिन गांवों में जलसंरक्षण के काम किए गए थे। उन गांवों में जरूरत के अनुसार अब जलसंरक्षण के ढांचों का मरम्मत कार्य किया जाएगा। जो काम पांच से छह साल पुराने हो गए हैं उनके मरम्मत के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए मनरेगा के अलावा जलयुक्त शिवार योजना के चरण दो के लिए आवंटित राशि खर्च की जा सकेगी।
20 हजार 544 गांव हुए थे जलपरिपूर्ण
प्रदेश में पूर्व की भाजपा सरकार के समय साल 2015-16 से साल 2018-19 तक जलयुक्त शिवार योजना को लागू किया गया था। पहले चरण में जलयुक्त शिवार योजना को 22 हजार 593 गांवों में लागू किया गया था। इन गांवों में जलसंरक्षण के 6 लाख 32 हजार 896 काम किए गए थे। इससे 20 हजार 544 गांव जलपरिपूर्ण हुए थे। जलयुक्त शिवार के कामों से लगभग 27 लाख टीसीएम पानी भंडारण क्षमता निर्माण हुआ थी। जिससे 39 लाख हेक्टेयर खेती के लिए सिंचाई सुविधाउपलब्ध हुई थी। सिंचाई क्षमता से कृषि उत्पादकता बढ़ने में मदद हुई है।
Created On :   10 Jun 2023 7:05 PM IST