Mumbai News: गणेश उत्सव से पहले ही मुंबई से सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी के लिए शुरू होगी रो-रो सेवा

गणेश उत्सव से पहले ही मुंबई से सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी के लिए शुरू होगी रो-रो सेवा
एक ही बोट में 150 गाड़ियां और 500 यात्री सफर कर सकेंगे

Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। इस साल गणेश उत्सव में कोकण जाने वालों के लिए महाराष्ट्र सरकार बहुत जल्द खुशखबरी देने जा रही है। राज्य का बंदरगाह विभाग गणेश चतुर्थी से पहले मुंबई से सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी तक की रो-रो (रोल ऑन- रोल ऑफ) फेरी सेवा शुरू करने जा रहा है। इस सेवा से अब समुद्री मार्ग से सिर्फ साढ़े तीन घंटे में सिंधुदुर्ग पहुंचा जा सकेगा, जो कि सड़क मार्ग से आम तौर पर 10 से 12 घंटे लगते हैं। बंदरगाह विभाग के एक अधिकारी ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि मुंबई से कोकण जाने वाले लोग सड़क, हवाई मार्ग के साथ-साथ जल मार्ग से भी जाने लगेंगे। खबर है कि बहुत जल्द मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे।

मुख्यमंत्री कर सकते हैं जल्द ऐलान

बंदरगाह विभाग के एक अधिकारी के अनुसार हर साल गणपति के दौरान लाखों कोकणवासी मुंबई, ठाणे और पुणे से अपने गांव गणेश उत्सव मनाने के लिए जाते हैं। सड़क मार्ग पर भारी ट्रैफिक, खराब मौसम और थकाऊ यात्रा उनके लिए परेशानी का कारण बनती है। ऐसे में रो-रो सेवा के शुरू होने से अब यह सफर सुगम और तेज हो जाएगा। अधिकारी के अनुसार यह परियोजना कोकण क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा कदम होगी। इसके साथ ही स्थानीय पर्यटन, व्यापार व रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस नई सेवा में उपयोग की जा रही एक बोट में एक बार में 150 कारें और करीब 500 यात्री सवार हो सकते हैं। बोट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह भारी वाहनों और चार-पहिया गाड़ियों को सुरक्षित रूप से ले जा सके। कोकण का समुद्र तट सौंदर्य, ऐतिहासिक किले, समुद्री भोजन और सांस्कृतिक विरासत देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। रो-रो सेवा के जरिए अधिक पर्यटक आसानी से इस क्षेत्र तक पहुंच सकेंगे, जिससे स्थानीय पर्यटन, होटल उद्योग और फूड इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बहुत जल्द इसकी घोषणा करने वाले हैं।

क्या होती है रो-रो सेवा

रो-रो फेरी सेवा एक प्रकार की बोट सेवा होती है जिसमें गाड़ियां और यात्री दोनों एक साथ सफर कर सकते हैं। यात्री अपनी गाड़ी समेत सीधे फेरी पर चढ़ सकते हैं और गंतव्य पर उतर सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि ड्राइविंग का थकान भरा अनुभव भी कम होता है।

संभावित रूट और टिकट जानकारी

  • प्रारंभिक रूट: मुंबई (भाऊचा धक्का/मोरा) से रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग
  • टिकट शुल्क: अभी तक आधिकारिक दरों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन संभावना है कि यह सड़क मार्ग की तुलना में किफायती और सुविधाजनक होगा।
  • संचालन का समय: शुरुआत में दिन में एक या दो फेरे, बाद में मांग के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।

Created On :   12 Aug 2025 9:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story