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मंत्रिमंडल की बैठक: शिंदे और गोगावले शामिल नहीं, कर्ज योजना के लिए गारंटर की शर्त शिथिल, पुलिस सिपाही भर्ती को मंजूरी, मंत्रालय में ऑफलाइन प्रवेश बंद

- रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर महायुति में टकराव
- कर्ज योजना के लिए गारंटर की शर्त शिथिल
- पुलिस सिपाही के 15 हजार पदों पर भर्ती, राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
- सोलापुर-पुणे-मुंबई हवाई यात्रा के लिए वीजीएफ निधि देने को मंजूरी
- राशन दुकानदारों के मार्जिन में 20 रुपए की बढ़ोतरी
Mumbai News. रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर पिछले कई महीनों से जारी खींचतान अब और तेज हो गई है। महायुति गठबंधन में इसको लेकर तनाव चरम पर पहुंच गया है। सूत्रों का कहना है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे को 15 अगस्त के मौके पर ध्वजारोहण की जिम्मेदारी मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (शिंदे) नेता और मंत्री भरत गोगावले नाराज हो गए हैं। यही कारण रहा कि शिंदे और गोगावले मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि शिंदे श्रीनगर में हैं जबकि गोगावले दिल्ली पहुंच गए। गोगावले पालकमंत्री पद को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से दिल्ली में मुलाकात कर सकते हैं। उपमुख्यमंत्री शिंदे के कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे तीन दिन पहले एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे। अभी भी वह श्रीनगर में ही हैं। खबर है कि शिंदे बुधवार को मुंबई लौटेंगे। हालांकि अंदरखाने शिंदे गुट और भाजपा में कई मामलों को लेकर तनातनी है। यही कारण है कि शिंदे मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए। उधर दिल्ली पहुंचे मंत्री गोगावले ने कहा कि झंडा फहराना और पालकमंत्री होना, ये दोनों अलग बातें हैं। सिर्फ ध्वजारोहण करने का मतलब यह नहीं कि कोई व्यक्ति जिले का पालकमंत्री बन गया। यह जिम्मेदारी पहले ही किसी को सौंपी गई थी और वरिष्ठों द्वारा लिया गया निर्णय मुझे स्वीकार है। गोगावले ने कहा कि मैं आज भी 100 फीसदी इस बात पर कायम हूँ कि मुझे रायगड का पालकमंत्री बनना है। यह मेरी इच्छा है। जो भी अंतिम निर्णय वरिष्ठ नेता लेंगे, वह मुझे मंजूर होगा। गोगावले ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जो भी निर्णय लेंगे, वे उसे स्वीकार करेंगे।
तीन महामंडलों के कर्ज योजना के लिए गारंटर की शर्त शिथिल
उधर प्रदेश सरकार के महात्मा फुले पिछड़ावर्ग विकास महामंडल, संत रोहिदास चर्मोद्योग व चर्मकार विकास महामंडल और साहित्यरत्न लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे विकास महामंडल की विभिन्न कर्ज योजनाओं के लिए अब गारंटर के नियम और शर्त को शिथिल किया गया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है। महामंडलों को सरकार की ओर से दिए जाने वाली गारंटी की अवधि पांच साल बढ़ाने को मंजूरी भी दी गई है। इसके तहत इन महामंडलों की दो लाख रुपए के कर्ज योजना के लिए लाभार्थी की संपत्ति अथवा एक गारंटर की अचल सम्पत्ति को गिरवी रखनी होगी। दो से पांच लाख रुपए के कर्ज के लिए पहले दो गारंटर की शर्त थी। इसके बजाय अब एक गारंटर का प्रावधान किया गया है। यह गारंटर ऐसा व्यक्ति होना चाहिए, जिसके नाम पर अचल संपत्ति या भूमि हो, या वह निजी क्षेत्र का कर्मचारी हो, या किसी सरकारी, अर्ध-सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान का कर्मचारी हो। इसके साथ ही लाभार्थी और गारंटर की अचल संपत्ति को गिरवी रखा जा सकेगा। इस फैसले से लघुउद्यमियों को कर्ज लेने की प्रक्रिया और अधिक सुलभ होगी। कर्ज के प्रलंबित प्रकरणों का निपटारा जल्द गति से हो सकेगा। राज्य के समाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत महात्मा फुले पिछड़ावर्ग विकास महामंडल, संत रोहिदास चर्मोद्योग व चर्मकार विकास महामंडल और लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे विकास महामंडल और राष्ट्रीय महामंडलों की ओर से कर्ज की विभिन्न योजनाओं को लागू किया जाता है। जिसमें सावधि ऋण योजना, ऋण योजना समेत अन्य योजना का समावेश है। वहीं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं को राज्य के महामंडलों के माध्यम से लागू किया जाता है। इसके लिए राष्ट्रीय निगमों द्वारा राज्य के महामंडलों को कर्ज स्वरूप में निधि उपलब्ध कराई जाती है। इन योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने महात्मा फुले पिछड़ावर्ग विकास महामंडल के लिए 600 करोड़, साहित्यरत्न लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे विकास महामंडल के लिए 100 करोड़ और संत रोहिदास चर्मोद्योग व चर्मकार विकास महामंडल के लिए 50 करोड़ रुपए की सरकारी गारंटी की पांच साल की अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी है।
पुलिस सिपाही के 15 हजार पदों पर भर्ती, राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
महाराष्ट्र पुलिस दल में सिपाही (कांस्टेबल) के लगभग 15 हजार 631 पद भरे जाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने साल 2024-25 के लिए पुलिस सिपाही भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में हुई। जिसमें महाराष्ट्र पुलिस दल में सिपाही के 15 हजार 631 पदों को भरने के लिए मंजूरी प्रदान की गई। पुलिस सिपाही की भर्ती संबंधित जिला स्तर पर होगी। इस भर्ती के लिए ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) आधारित लिखित परीक्षा होगी। इस भर्ती में साल 2022 और साल 2023 में संबंधित पदों के लिए जिन अभ्यर्थयों की आयु सीमा पार हो गई होगी। ऐसे अभ्यर्थियों को भी एक विशेष मामले के तहत आवेदन करनी की अनुमति होगी। महाराष्ट्र पुलिस दल में साल 2024 में रिक्त हुए पदों और साल 2025 में रिक्त होने वाली पदों की समीक्षा करके भर्ती की जाएगी। भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मंगवाने, आवेदनों की छानबीन और उस पर प्रक्रिया करने, अभ्यर्थियों की शारीरिक परीक्षा, पात्र अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा आयोजित करने के लिए एक प्रक्रिया लागू की जाएगी। इसका अधिकार प्रशिक्षण व विशेष दस्ता विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को देने के लिए मान्यता दी गई है। राज्य में कानून व सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए सिपाही संवर्ग के पद अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिपाही के पद रिक्त होने पर पुलिस के काम पर तनाव बढ़ता है। पुलिस दल और जेल की स्थिति में सुधार करने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए हैं। जनप्रतिनिधियों और विधानमंडल में चर्चा के दौरान विधायकों ने पद भरने की मांग की थी। पुलिस सिपाही के 12 हजार 399 पद, पुलिस सिपाही चालक (ड्राइवर) के 234 पद, बैंड्स मैन के 25, सशस्त्र पुलिस सिपाही के 2 हजार 393 पद, कारागृह सिपाही के 580 पद भरे जाएंगे। पुलिस सिपाही और कारागृह सिपाही के पद समूह-सी संवर्ग के हैं।
योगेश कदम, प्रदेश के गृह राज्य मंत्री (शहरी) के मुताबिक प्रदेश सरकार ने साल 2021-22 में 17 हजार पुलिस भर्ती और साल 2022-23 में 18 हजार पुलिस भर्ती हुई है। अब 15 हजार 631 पुलिस भर्ती होगी। यह भर्ती पूरी होने के बाद सभी रिक्त जगह भर लिए जाएंगे।
मंत्रालय में 15 अगस्त से ऑफलाइन प्रवेश बंद
राज्य सरकार ने 15 अगस्त से मंत्रालय में आंगुतकों के लिए ऑफलाइन प्रवेश पर बंदी लगाने का फैसला किया है। मंत्रालय में प्रवेश करने वाले आगुंतक ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के तहत ही मंत्रालय में दाखिल हो सकेंगे। सरकार पहले ही डीजी प्रवेश एप जारी कर चुकी है, जिस पर पंजीकरण कर मंत्रालय में प्रवेश मिलेगा। सरकार की योजना एक अगस्त से ही ऑफलाइन प्रवेश को पूरी तरह से बंद करने की थी लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका था। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 15 अगस्त से मंत्रालय में पूरी तरह से ऑफलाइन प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। सिर्फ डीजी प्रवेश एप (आरएफआईडी कार्ड) के जरिए ही मंत्रालय में प्रवेश मिल सकेगा। आदेश के मुताबिक मंत्रालय के बाहर एक खिड़की आरएफआईडी कार्ड वितरित करने के लिए उपलब्ध होगी। जो लोग डीजी प्रवेश एप के जरिए ऑनलाइन प्रवेश पत्र हासिल कर सकेंगे, उन्हें ही आरएफआईडी कार्ड मिलेगा। सरकारी अधिकारियों को छोड़कर आम जनता के लिए प्रवेश दोपहर 2 बजे शुरू होगा। मंत्रालय में प्रवेश के दौरान आगुंतकों को आरएफआईडी कार्ड गले में पहनना अनिवार्य होगा। बाहर जाने से पहले यह कार्ड मंत्रालय के गेट पर ही पुलिस को सौंपना होगा। बगैर कार्ड वापस दिए मंत्रालय के गेट के बाहर नहीं छोड़ा जाएगा
सोलापुर-पुणे-मुंबई हवाई यात्रा के लिए वीजीएफ निधि देने को मंजूरी
सोलापुर-पुणे-मुंबई हवाई मार्ग के लिए उड़ान योजना के तर्ज पर एक साल के लिए प्रति आसन व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) निधि उपलब्ध कराने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके तहत सोलापुर-मुंबई और सोलापूर-पुणे हवाई मार्ग के लिए स्टार एअर कंपनी को प्रति आसन वीजीएफ निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मंत्रिमंडल ने 17 करोड़ 97 लाख 55 हजार 200 रुपए का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने सामान्य नागरिकों के हवाई यात्रा के लिए उड़ान योजना शुरू किया है। सोलापुर हवाई अड्डे के लिए भी यह योजना लागू होगी। यह योजना लागू होने तक प्रति सीट 3 हजार 250 रुपए वीजीएफ निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इससे सोलापुर-पुणे-मुंबई हवाई यात्रा की दर कम होने में मदद मिल सकेगी। इस हवाई अड्डे के लिए उड़ान योजना लागू होने के बाद राज्य सरकार की ओर से निधि बंद कर दी जाएगी। इसके बाद केंद्र सरकार के उड़ान योजना के तहत 20 प्रतिशत वीजीएफ दिया जाएगा।
राशन दुकानदारों के मार्जिन में 20 रुपए की बढ़ोतरी
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकारी राशन दुकानदारों के मार्जिन में प्रति क्विंटल 20 रुपए की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है। इससे राशन कार्ड धारकों को अनाज और चीनी वितरण करने पर राशन दुकानदारों को प्रति क्विंटल 150 रुपए के बजाय 170 रुपए मार्जिन मिल सकेगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी प्रदान की है। राज्य में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता परिवार योजना के राशन कार्ड धारकों को 53 हजार 910 राशन दुकानदारों के जरिए ई-पॉस मशीन के माध्यम से बायोमेट्रिक जांच करके अनाज वितरित किया जाता है। इन राशन दुकानदारों को केंद्र सरकार की ओर से प्रति क्विंटल 45 रुपए और राज्य सरकार की ओर से 105 रुपए कुल 150 रुपए मार्जिन के रूप में दिए जाते जा रहे थे। लेकिन राशन दुकानदार संगठनों ने मार्जिन बढ़ाने की मांग की थी। इसके अनुसार मार्जिन में अब 20 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले से सरकार की तिजोरी पर प्रति वर्ष 92 करोड़ 71 लाख रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
Created On :   12 Aug 2025 10:06 PM IST