Mumbai News: पीडब्ल्यूडी विभाग ने 11 महीने पहले ही इंद्रायणी नदी पर बनने वाले पुल को जारी किए थे 8 करोड़, राऊत बोले - दर्ज करें मुकदमा

पीडब्ल्यूडी विभाग ने 11 महीने पहले ही इंद्रायणी नदी पर बनने वाले पुल को जारी किए थे 8 करोड़, राऊत बोले - दर्ज करें मुकदमा
  • विधानसभा चुनाव की आचार संहिता में फंस गया था मामला
  • अजित पवार पुल दुर्घटना के लिए जिम्मेदार
  • पुलिस उनके खिलाफ दर्ज करे मुकदमा- संजय राऊत

Mumbai News. पुणे की मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बने पुल के गिरने के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछली महायुति की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे रविंद्र चव्हाण का 11 जुलाई 2024 का एक आदेश सामने आया है जिसमें इस पुल के निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से 8 करोड़ जारी किए गए थे। करीब 11 महीने गुजर जाने के बाद भी इस पुल का दोबारा से निर्माण शुरू नहीं हो पाया। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने पुणे के पालकमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। राऊत ने अजित पर मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की भी मांग की है।

पुल के निर्माण को दी थी मंजूरी

इंद्रायणी नदी पर बने हुए करीब 30 साल पुराने पुल की मरम्मत की मांग गांव वालों ने पीडब्ल्यूडी मंत्री रविंद्र चव्हाण से पिछले वर्ष की थी। चव्हाण ने 11 जुलाई 2024 को इस पुल को बनाने की मंजूरी प्रदान की थी। इसके साथ ही इस पुल को बनाने के लिए 8 करोड़ रुपए का फंड मुहैया कराया गया था। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा फंड जारी कराए जाने के बावजूद इस पुल का दोबारा से निर्माण शुरू नहीं हो पाया था। रविवार को हादसा हो गया जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। खबर है कि गांव वालों ने स्थानीय प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखकर इस पुल पर पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

रविंद्र चव्हाण ने दी सफाई

इस पुल को 8 करोड़ का फंड आवंटन करने के मामले पर पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री रविंद्र चव्हाण ने सफाई देते हुए कहा है कि जब पिछले साल जुलाई में इस पुल के लिए 8 करोड रुपए का फंड मुहैया कराया गया था तो उसके कुछ दिन बाद ही राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग गई थी। जिसकी वजह से इस पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। चव्हाण ने कहा कि 10 जून 2025 को एक कंपनी को इस पुल का निर्माण करने का ठेका आवंटित किया गया था लेकिन ठेका आवंटन के कुछ दिन के बाद ही यह पुल गिर गया।

30 साल पुराने पुल के गिरने पर राजनीति शुरू

इंद्रायणी नदी पर बने पुल के गिरने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। उद्धव गुट सांसद संजय राऊत ने जिले के पालकमंत्री अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुणे के पालकमंत्री अजित पवार हैं, इसलिए उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके साथ ही उन पर मामला भी दर्ज करना चाहिए। राऊत ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब रविंद्र चव्हाण ने इस पुल के लिए 8 करोड़ जारी किए थे तो फिर भी इस पुल का निर्माण कार्य क्यों नहीं शुरू हो पाया? राऊत के बयान पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो घटना घटी है, वह काफी गंभीर है। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है। इस पुल को दोबारा से बनाने की निविदा 10 जून को ही निकाली गई थी लेकिन उससे पहले ही ये पुल गिर गया। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। अगर कुछ लोग राजनीति के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं तो मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।

मंत्रिमंडल की बैठक में उठ सकता है मामला

मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है, जिसमें पुल गिरने की घटना पर चर्चा हो सकती है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सोमवार को दिन भर पुणे जिले में रहे और मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल होकर राहत और बचाव कार्य से संबंधित जानकारी मंत्रिमंडल के सदस्यों को देंगे।

Created On :   16 Jun 2025 9:55 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story