Mumbai News: 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष न्यायाधीश ने कहा - यूएपीए लगाने का आदेश दोषपूर्ण

2008 मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष न्यायाधीश ने कहा - यूएपीए लगाने का आदेश दोषपूर्ण
  • 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित समेत सात लोग बरी
  • अदालत ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा
  • सरकार को आदेश दिया

Mumbai News. विशेष एनआईए अदालत ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सात लोग को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। सभी जमानत बांड रद्द किए जाते हैं और जमानतदारों को रिहा किया जाता है। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

विशेष न्यायाधीश अभय लाहोटी ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया कि मालेगांव में एक विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित करने में विफल रहा कि उस मोटरसाइकिल में बम रखा गया था, जिसे साध्वी प्रज्ञा ठाकूर के होने की बात कही गई थी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि घायलों के चिकित्सा प्रमाण पत्रों में कुछ हेराफेरी हुई थी।

न्यायाधीश लाहोटी ने यह भी कहा कि मामले में एक अन्य आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के रखे होने का कोई सबूत नहीं है। पंचनामा करते समय जांच अधिकारी द्वारा घटनास्थल का कोई स्केच नहीं बनाया गया था। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कुछ भी एकत्र नहीं किया गया था। नमूने दूषित थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक नहीं हो सकती और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश ने अभिनव भारत संगठन की कथित भूमिका पर कहा कि संगठन के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किए जाने का कोई सबूत नहीं है। न्यायाधीश लाहोटी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन दोषसिद्धि नैतिक आधार पर नहीं हो सकती।

न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सातों आरोपियों के बीच कोई साजिश थी। न्यायालय ने यह माना कि विस्फोट में छह लोग मारे गए थे, लेकिन अभियोजन पक्ष की इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि 101 लोग घायल हुए थे। केवल 95 लोगों के घायल हुए थे। अदालत में जमा किए गए कुछ घायलों के चिकित्सा प्रमाण पत्रों में हेराफेरी की गई थी।

न्यायालय ने फैसला सुनाने से पहले अभियोजन पक्ष के 323 गवाहों और बचाव पक्ष के 8 गवाहों से पूछताछ की थी।

न्यायालय ने 7 लोगों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), शस्त्र अधिनियम और अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। आरोपियों में भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल थे।

29 सितंबर 2008 को मालेगांव के भिक्कू चौक में मस्जिद के पास विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 95 अन्य घायल हो गए। पहले इस मामले की जांच महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने किया था, लेकिन बाद में मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया था। इस मामले में 11 लोग आरोपी थे, लेकिन अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सहित 7 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए। अब न्यायालय ने 17 साल तक लंबी सुनवाई के बाद सभी सात आरोपियों बरी कर दिया है।

Created On :   31 July 2025 10:20 PM IST

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