- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- कृषि एआई नीति को मंत्रिमंडल की...
Mumbai News: कृषि एआई नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी, गांव-गांव में स्थापित होंगे स्वचालित मौसम स्टेशन

- मुंबई के विधि विवि को जमीन हस्तांतरण के लिए मुद्रांक शुल्क माफी
- आदिवासी औद्योगिक क्लस्टर के लिए नाशिक में जमीन
- रायगड में ग्रोथ सेंटर के लिए जमीन के मुद्रांक शुल्क में छूट
Mumbai News. महाराष्ट्र कृषि कृत्रिम बुद्धिमत्ता महाएग्री-एआई नीति (2025-2029) को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस नीति को लागू करने के लिए पहले तीन साल में 500 करोड़ रुपए निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इस नीति से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, निर्मित कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्ज, ड्रोन, कंप्यूटर दृष्टिक्षमता, रोबोटिक्स और पूर्वानुमान विश्लेषण जैसी तकनीकी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस नीति को लागू करने के लिए राज्यस्तरीय संचालन समिति, राज्यस्तरीय तकनीकी समिति बनाई जाएगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता व नवाचार के लिए एक अग्रगण्य केंद्र निर्माण होगा। मराठी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित चैटबॉट, वॉयस असिस्टेंट सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके जरिए फसलों के उत्पादन, कीट प्रबंधन, मौसम अनुमान, बाजारभाव और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी। प्रति वर्ष कृषि में वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता सम्मेलन और निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें वैश्विक विशेषज्ञ, तकनीकी कंपनियां, सरकार प्रतिनिधि और किसान उत्पादक संगठन शामिल हो सकेंगे।
राज्य में अब गांव-गांव में स्थापित होंगे स्वचालित मौसम स्टेशन
केंद्र सरकार के मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (विंड्स) परियोजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए महावेध परियोजना की अवधि पांच साल बढ़ाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित होने से सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि, कड़ाके की थंड आदि प्राकृतिक आपदाओं की बारे में जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। महावेध परियोजना के लिए कृषि विभाग नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। मौसम पूर्वानुमान सेवाएं प्रदान करने वाली स्काईमेट वेदर सर्विसेज कंपनी को स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले प्रदेश में महावेध परियोजना के तहत राजस्व स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए थे। अब ग्राम पंचायत स्तर पर स्वचालित मौसम स्टेशन बनाए जाएंगे।
मुंबई के विधि विवि को जमीन हस्तांतरण के लिए मुद्रांक शुल्क माफी
मुंबई के महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को पहाड़ी गोरेगांव में उपलब्ध कराई गई जमीन के हस्तांतरण पर मुद्रांक शुल्क माफ करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के लिए गोरेगांव (पश्चिम) में एक लाख 39 हजार 640.40 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराई गई है। अब इस जमीन के हस्तांतरण के लिए लगने वाले मुद्रांक शुल्क को माफ करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का कामकाज पवई में किराए की इमारत में शुरू है। लेकिन पहाड़ी गोरेगांव में विधि विश्वविद्यालय की इमारत तैयार होने के बाद किराए खर्च बच सकेगा। साथ ही विद्यार्थियों को शैक्षणिक सुविधा एक ही जगह पर उपलब्ध हो सकेगी।
आदिवासी औद्योगिक क्लस्टर के लिए नाशिक में जमीन
आदिवासी औद्योगिक (ट्राइबल इंडस्ट्रियल) क्लस्टर के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) को नाशिक के दिंडोरी तहसील के जांबुटके में 29 हेक्टर 52 आर जमीन दी जाएगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी है। एमआईडीसी जांबुटके की जमीन पर आदिवासी औद्योगिक क्लस्टर विकसित करेगी। इस फैसले से आदिवासी समाज के उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए भूखंड उपलब्ध हो सकेगा। आदिवासी इलाकों में रोजगार और आर्थिक विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है।
रायगड में ग्रोथ सेंटर के लिए जमीन के मुद्रांक शुल्क में छूट
एमएमआरडीए और मेसर्स रायगड पेण ग्रोथ सेंटर लिमिटेड की संयुक्त परियोजना के लिए आवश्यक जमीन के मुद्रांक शुल्क में 50 प्रतिशत छूट देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। पेण तहसील में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से स्थापति होने वाली विश्व स्तरीय दर्जे की पहली परियोजना है। इससे विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। इस परियोजना के तहत फिनटेक कंपनियां, शैक्षणिक व स्वास्थ्य सुविधा, मनोरंजन पार्क, किफायती आवास, वाणिज्यिक केंद्र, खुदरा और निर्माण क्षेत्र विकसित हो सकेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो सकेगा। भविष्य में वाणिज्यिक लेन-देन से राज्य के खजाने में बड़ी मात्रा में मुद्रांक शुल्क और कर राजस्व के रूप में जमा होने की संभावना है। इस परियोजना के माध्यम से एमएमआरडीए ने एकात्मिक कॉलोनी नीति के अनुसार 1217.71 एकड़ जमीन विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के नाम पर पंजीकृत करने का प्रस्ताव दिया है।
Created On :   17 Jun 2025 10:01 PM IST