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Mumbai News: अजित पवार ने छगन भुजबल को दिया झटका, कोकाटे को बनाया नाशिक का संपर्क मंत्री

- पार्टी के फैसले से भुजबल हुए नाराज
- कोकाटे को बनाया नाशिक का संपर्क मंत्री
Mumbai News. तीन दिन पार्टी की बैठक में पहले राकांपा (अजित) प्रमुख अजित पवार की अपने ही मंत्री छगन भुजबल के प्रति नाराजगी और अब खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे को भुजबल पर तरजीह देते हुए उन्हें नाशिक, धुलिया और जलगांव जैसे तीन अहम जिलों का संपर्क मंत्री नियुक्त करने के फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि नाशिक भुजबल का गढ़ माना जाता है लेकिन फिर भी उन्हें नजरअंदाज क्यों किया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोकाटे को आगामी स्थानीय चुनावों में संगठन को फिर से मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है। हालांकि पार्टी के इस फैसले से भुजबल नाराज हो गए हैं।
कोकाटे को मिली ये अहम जिम्मेदारियां
राकांपा (अजित) के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी ने माणिकराव कोकाटे को सिर्फ संपर्क बनाए रखने के लिए नहीं बल्कि पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने, गुटबाजी खत्म करने और प्रभावी उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा उन्हें नाशिक, धुलिया और जलगांव में सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने और पार्टी की छवि सुधारने का भी टास्क सौंपा गया है। इस नेता के मुताबिक कोकाटे का अनुभव और क्षेत्रीय पकड़ देखकर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भुजबल को दरकिनार करने की चर्चा तेज
इस फैसले ने छगन भुजबल की नाराजगी को हवा दे दी है। दरअसल भुजबल नाशिक से आते हैं और उनका वहां मजबूत जनाधार है। भुजबल नाशिक का पालकमंत्री बनने के इच्छुक भी थे और इसको लेकर उन्होंने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह बदलाव सिर्फ संगठनात्मक नहीं, बल्कि सियासी शक्ति संतुलन को बदलने की कोशिश है। पार्टी के इस फैसले से भुजबल नाराज हैं। लेकिन आगामी चुनाव में कहीं कोकाटे को भुजबल की नाराजगी भारी न पड़ जाए इसको भी देखना होगा।
चुनावी रणनीति पर पूरा फोकस
अजित पवार ने तीन दिन पहले पार्टी के नेताओं की बैठक में साफ कर दिया था कि वह स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की चुनावी जंग को गंभीरता से लड़ने जा रहे हैं। बूथ स्तर पर सक्रियता, नए कार्यकर्ताओं की भर्ती और सही चेहरों की तलाश, पार्टी को इन तीन बिंदुओं पर रणनीति बनाने पर काम करने की जरुरत है। माणिकराव कोकाटे की नियुक्ति इसी रणनीति का हिस्सा है। भुजबल का आगामी चुनावी रण में क्या रोल रहेगा, इस पर पार्टी में भी चर्चा जारी है। पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर मतभेद की खबरें आ रही हैं। भुजबल पिछले काफी समय से ओबीसी आरक्षण और मराठा आरक्षण को लेकर खुलेआम अपनी राय रखते रहे हैं। अब नाशिक की जिम्मेदारी छीनना उनके लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
Created On :   10 Oct 2025 8:32 PM IST