गठबंधन से पहले शर्त: उद्धव ठाकरे के साथ आने से पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम चाहते हैं राज ठाकरे

उद्धव ठाकरे के साथ आने से पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम चाहते हैं राज ठाकरे
  • 10 दिन में संजय राऊत के साथ हुई मनसे प्रमुख की 4 बार बैठक
  • न्यूनतम साझा कार्यक्रम चाहते हैं राज ठाकरे
  • न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर गंभीर हैं राज

Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। शिवसेना (उद्धव) के एक वरिष्ठ नेता ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि गठबंधन से पहले ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने साफ कर दिया है कि पहले ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ तय किया जाएगा, उसके बाद गठबंधन पर फैसला होगा। खबर है कि पिछले 10 दिनों में राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत के बीच इसी को लेकर 4 अहम मुलाकातें हुई हैं। इन बैठकों में न सिर्फ गठबंधन के प्रारूप पर चर्चा हुई, बल्कि सीटों के फॉर्मूले, प्रचार की रणनीति और साझा मुद्दों पर भी बात हुई है।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर गंभीर हैं राज

उद्धव गुट के इस नेता के मुताबिक राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के समक्ष स्पष्ट शर्त रखी है कि अगर मनसे और शिवसेना (उद्धव) साथ आते हैं, तो पहले से यह तय होना चाहिए कि किन मुद्दों पर साथ काम किया जाएगा। किन विषयों पर सहमति है और किन सीमाओं में रहकर राजनीति की जाएगी। राज को डर है कि चुनाव बाद अगर मतभेद उभरे तो गठबंधन बिखर सकता है। इसलिए पहले स्पष्टता और बाद में साथ चलना उनकी रणनीति का हिस्सा है। राज यह भी चाहते हैं कि अगर दोनों दलों की एक साथ चुनाव लड़ने पर सत्ता आती है तो किस दल को क्या मिलेगा ये पहले ही तय हो जाना चाहिए।

लगातार बैठकों से बढ़ी सियासी सरगर्मी

राज ठाकरे और संजय राऊत की लगातार हो रही बैठकों से सियासी हलचल तेज है। माना जा रहा है कि दोनों दल मुंबई महानगरपालिका के अलावा ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और नाशिक महानगरपालिकाओं के चुनाव साथ लड़ने के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अभी तक दोनों ही दलों की ओर से या व्यक्तिगत तौर पर गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है। हालांकि पिछले तीन महीनों में राज और उद्धव पांच बार एक दूसरे से मुलाकात कर चुके हैं।

भाजपा से दूरी, उद्धव-राज की नजदीकी के मायने

राज ठाकरे ने बीते कुछ महीनों में भाजपा से दूरी बना ली है और उद्धव ठाकरे के साथ उनकी राजनीतिक केमिस्ट्री मजबूत होती दिख रही है। मराठी अस्मिता, हिंदुत्व और महाराष्ट्र के मुद्दों पर दोनों की राय मिलती-जुलती है। राज्य सरकार ने कुछ महीने पहले जब राज्य के स्कूलों में हिंदी पढ़ाने को तीसरी भाषा के रूप में चुना था तो इसका ठाकरे बंधुओं ने जमकर विरोध किया था। दरअसल दोनों ठाकरे बंधू हिंदी का विरोध करते हुए कई वर्षों बाद एक साथ आए।

तीन महीनों में ठाकरे बंधुओं में हुईं ये 5 मुलाकातें

- 5 जुलाई 2025: मराठी भाषा रैली में दोनों भाई एक ही मंच पर आए।

- 27 जुलाई 2025: राज, उद्धव के जन्मदिन पर मातोश्री पहुंचे।

- 27 अगस्त 2025: उद्धव, राज के घर गणेश उत्सव में शामिल हुए।

- 10 सितंबर 2025: गणेश उत्सव में फिर औपचारिक मुलाकात हुई।

- 5 अक्टूबर 2025: संजय राऊत के पारिवारिक समारोह में दोनों परिवारों की उपस्थिति और बाद में गुप्त बैठक।

Created On :   10 Oct 2025 8:46 PM IST

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