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Mumbai News: छगन भुजबल ने कैबिनेट मंत्री बनते ही अपनी आंखें नाशिक के पालकमंत्री पद पर लगाईं

- नाशिक और रायगड के पालकमंत्री पद पर जारी है महायुति में विवाद
- नाशिक और रायगड के पालकमंत्री को लेकर तनाव
Mumbai News. रायगड़ के पालकमंत्री पद को लेकर शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) में चल रहा विवाद अभी थमा भी नहीं था कि छगन भुजबल के मंत्री बनते ही अब उनकी आंखें नाशिक के पालकमंत्री पद पर लग गई हैं। सूत्रों का कहना है कि भुजबल ने नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर अपनी पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से अपने मन की बात बता दी है। ऐसे में भुजबल द्वारा नाशिक के पालकमंत्री पद पर आंख गढ़ाने के बाद अब महायुति में टकराव देखने को मिल सकता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही राज्य के सभी जिलों के पालकमंत्री पदों की घोषणा कर दी थी, लेकिन रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद पर हुए विवाद के चलते इन दोनों जिलों के पालकमंत्री पद की नियुक्ति को स्थगित कर दिया था।
भुजबल का क्यों हैं नाशिक के पालकमंत्री पद पर दावा?
छगन भुजबल के एक करीबी नेता ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि प्रत्येक मंत्री अपने गृह जिले का पालकमंत्री इसलिए बनना चाहता है कि ताकि उसके कार्यकर्ताओं को दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दबाया न जा सके। इस नेता ने यह भी कहा कि खुद पार्टी अध्यक्ष अजित पवार भी नाशिक और रायगड जिलों के पालकमंत्री पद पर दावा ठोक चुके हैं। इसको लेकर अजित केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात भी कर चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। वैसे शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जब मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी तो नाशिक का पालकमंत्री भुजबल को बनाया गया था। लेकिन शिंदे सरकार में दादा भुसे को नाशिक का पालकमंत्री बना दिया गया। इसलिए अब मंत्री पद फिर से मिलने के बाद भुजबल नाशिक के पालकमंत्री पद पर निगाह लगाए हुए हैं।
इसलिए है नाशिक और रायगड के पालकमंत्री को लेकर तनाव
नाशिक जिला में भाजपा, शिंदे और अजित गुट अपना-अपना वर्चस्प बता रहे हैं। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री फड़णवीस ने गिरीश महाजन को नाशिक का पालकमंत्री बना दिया। लेकिन शिंदे और अजित के विरोध के बाद उन्हें फैसला बदलना पड़ा। वहीं रायगड जिला शिवसेना (शिंदे) का गढ़ माना जाता रहा है। उपमुख्यमंत्री शिंदे रायगड के पालकमंत्री का पद अपनी पार्टी के मंत्री भरत गोगावले को दिए जाने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावोस दौरे से ठीक पहले अजित गुट की आदिति तटकरे को रायगड का पालकमंत्री बना दिया गया था। जिस पर शिंदे ने नाराजगी जताई थी।
फड़णवीस को 24 घंटे में ही लगानी पड़ी थी रोक
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसी साल दावोस दौरे पर जाने से पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 19 जनवरी को सभी जिलों के पालकमंत्री पदों की नियुक्ति की घोषणा की थी। लेकिन नाशिक और रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर महायुति के तीनों दलों में नाराजगी शुरू हो गई। इसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने इन दोनों जिलों के पालकमंत्री पद की नियुक्ति को स्थगित कर दिया था। जिसके बाद अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है।
Created On :   21 May 2025 9:37 PM IST