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Mumbai News: बीएमसी चुनाव - शरद पवार ने कहा - मुंबई में हमसे ज्यादा ताकतवर है उद्धव ठाकरे की शिवसेना

- आघाडी में गठबंधन को लेकर अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई
- स्थानीय स्तर पर फैसला करेंगे- अहीर
Mumbai News. महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में स्थानीय चुनाव हो सकते हैं, उसी को देखते हुए राज्य के सभी दलों में इन चुनावों को लेकर गहमा-गहमी तेज हो गई है। महाविकास आघाडी में पिछली बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर तीनों ही दलों में से कोई भी दल पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था। तीनों ही दल अपने आप को बड़ा दल मान रहे थे। लेकिन अब राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार ने सार्वजनिक तौर पर शिवसेना (उद्धव) को आघाडी के तीनों दलों में मुंबई में सबसे ज्यादा ताकतवर पार्टी बताया है। हालांकि पवार ने कहा है कि अभी तक महाआघाडी के तीनों दलों में स्थानीय चुनाव गठबंधन में लड़ने को लेकर कोई भी चर्चा नहीं हुई है।
पवार ने क्या कहा?
शरद पवार ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले तीन महीने में राज्य भर में स्थानीय चुनाव होने जा रहे हैं। हमने लोकसभा और विधानसभा चुनाव महाआघाडी गठबंधन के बैनर तले लड़ा था, लेकिन हमने अभी तक स्थानीय चुनावों के बारे में अभी तक कोई चर्चा नहीं की है। पवार ने कहा कि मुंबई में उद्धव ठाकरे की शिवसेना आघाडी के तीनों दलों में सबसे ताकतवर है। हालांकि मुंबई बीएमसी चुनाव समेत राज्य के अन्य स्थानीय चुनावों को लेकर अभी तक हमने गठबंधन या अकेले में चुनाव लड़ने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। हम कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) के अलावा अन्य छोटे दलों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि क्या सभी पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में है या नहीं। पवार ने कहा कि यह सभी को पता है कि जिस तरह से बीएमसी पर उद्धव ठाकरे का एक छत्र राज चलता आ रहा है लेकिन बीएमसी चुनाव गठबंधन में लड़ने को लेकर शिवसेना (उद्धव) से भी चर्चा की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर फैसला करेंगे- अहीर
उधर शरद पवार के बयान पर शिवसेना (उद्धव) विधायक सचिन अहीर ने कहा कि हमने भी पवार का बयान देखा है। लेकिन हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गठबंधन का फैसला स्थानीय स्तर पर छोड़ा है। अहीर ने कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर नेताओं की ओर से गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर हरी झंडी मिलती है तो फिर उसी के आधार पर फैसला होगा। लेकिन चुनाव गठबंधन में या अकेले लड़ा जाएगा इसको लेकर फैसला पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ही करेंगे।
मुंबई में बैकफुट पर क्यों आए पवार?
भले ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शरद पवार ने सीट बंटवारे में बराबरी की मांग की हो लेकिन मुंबई में उद्धव ठाकरे को ताकतवर बताने की वजह को शरद पवार खुद जानते हैं। दरअसल राकांपा (शरद) का मुंबई मजबूत गढ़ नहीं रहा है और बीएमसी में उद्धव ठाकरे का पिछले दो दशकों से कब्जा है। इसलिए पवार को यह मानना पड़ा है कि मुंबई में उद्धव गुट आघाडी के दोनों दलों के मुकाबले ज्यादा ताकतवर हैं। शरद पवार के बयान पर साल 2017 में हुए बीएमसी चुनाव के नतीजे भी मुहर लगाते हैं कि 227 सीटों वाली मुंबई मनपा में शिवसेना (अविभाजित) ने जहां 84 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं शरद पवार की पार्टी सिर्फ 9 सीटें ही जीत सकी थी। साल 2012 के मनपा चुनाव में राकांपा (अविभाजित) ने 13 जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 75 सीटों पर जीत हासिल की थी।
Created On :   20 Jun 2025 7:37 PM IST