Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार घोटाले की एफआईआर की जांच पर लगाई रोक

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार घोटाले की एफआईआर की जांच पर लगाई रोक
  • बांद्रा पुलिस स्टेशन में फिर एफआईआर दर्ज
  • 7 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई
  • दादा साहब फाल्के के नाम का दुरुपयोग करने का आरोप

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार घोटाले की एफआईआर की जांच पर रोक लगा दी है। एफआईआर में दादा साहब फाल्के के नाम का दुरुपयोग कर फर्जी फिल्म पुरस्कार कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप लगाया गया है। बांद्रा पुलिस स्टेशन में इसको लेकर मामला दर्ज किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को रखी गई है।

मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड़ की पीठ ने पूर्व स्पॉट बॉय अनिल मिश्रा और उनके बेटे द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिका में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। बांद्रा पुलिस ने इस साल 5 फरवरी को दादा साहेब फाल्के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (डीपीआईएफएफ) के बैनर तले अनिल मिश्रा और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

आरोप है कि पिता-पुत्र ने कथित तौर पर इस कार्यक्रम को सरकार समर्थित पुरस्कार समारोह बताकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया और फिल्मी सितारों पर इसमें शामिल होने के लिए बुलाया। इतना ही नहीं, इसके लिए उन्होंने कथित तौर पर महोत्सव को विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों की तस्वीरों और जाली पत्रों का इस्तेमाल किया।

भाजपा फिल्म संघ के राज्य के प्रदेश अध्यक्ष समीर दीक्षित ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। आरोपियों ने पीवीआर आईनॉक्स, सिनेपोलिस, बिग एफएम, पीएनबी बैंक और कई राज्य पर्यटन विभागों जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों से प्रायोजन हासिल करने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने ‘बुक माई शो’ पर भी इस महोत्सव का प्रचार किया और प्रति जोड़े 2 लाख 50 हजार रुपए तक के टिकट बेचे।

मिश्रा का डीपीआईएफएफ नाम के इस्तेमाल करने का ट्रेडमार्क का आवेदन पहले ही खारिज कर दिया गया था। फिर भी उन्होंने इसी नाम से कार्यक्रम आयोजित करना जारी रखा और अभिनेता शाहरुख खान, आलिया भट्ट, रेखा, करीना कपूर और शाहिद कपूर जैसी मशहूर हस्तियों को कथित तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया। इसमें दावा किया गया कि यह आधिकारिक दादा साहब फाल्के पुरस्कार से जुड़ा है।

मूल दादा साहब फाल्के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने कुछ लोगों के खिलाफ जानबूझकर मानहानिकारक और निराधार आरोप लगाकर उसकी "प्रतिष्ठा, विश्वसनीयता और साख’ को धूमिल करने का मुकदमा दायर किया है। इसमें झूठे, मनगढ़ंत, जाली, भ्रामक और निराधार बयानों के माध्यम से आरोपियों द्वारा उसके संस्थापकों, प्रमुख सदस्यों और उनके परिवारों की व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिष्ठा को अनुचित नुकसान पहुंचाने की कोशिश का आरोप लगाया गया है।

Created On :   26 Oct 2025 8:34 PM IST

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