Mumbai News: एकनाथ शिंदे के जांच के आदेश के बावजूद खाद्य विभाग ने कंपनी को जारी किए 31.50 करोड़

एकनाथ शिंदे के जांच के आदेश के बावजूद खाद्य विभाग ने कंपनी को जारी किए 31.50 करोड़
  • दैनिक भास्कर ने इस संबंध में 27 फरवरी को प्रकाशित की थी खबर
  • खाद्य विभाग ने कंपनी को जारी किए 31.50 करोड़

Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के सरकारी अनाज गोदामों में डैनेज पैलेट की आपूर्ति के लिए अवैध रूप से ठेका दिए जाने की जांच के आदेश दिए थे। जिस पर तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने एक साल तक कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब खबर है कि शिंदे के जांच के आदेश के बावजूद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने डैनेज पैलेट आपूर्ति करने वाली कंपनी श्री बालाजी एंड कंपनी जनरल मटेरियल सप्लायर गोंदिया को 31.50 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए तो फिर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश को धता बताते हुए बिल का भुगतान कैसे कर दिया।

इस संबंध में 'दैनिक भास्कर' ने खबर प्रकाशित की थी जिसके हवाले से कहा गया था कि तत्कालीन मंत्री छगन भुजबल ने विभाग का मंत्री होते हुए मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना करते हुए इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी। दरअसल 13 अगस्त 2024 को शिंदे गुट के विधायक कृपाल तुमाने ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया था। इसके बाद शिंदे ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव को कंपनी पर लगे आरोपों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इस मामले की जांच तो न हुई इसके उलट विभाग ने कंपनी को कई किस्तों में 31 करोड़ 50 लाख के बिल का भुगतान कर दिया। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार ठेकेदार को पहला बिल 8 अगस्त 2024 को और दूसरा बिल 31 दिसंबर 2024 को जारी किया गया है।

क्या है मामला?

21 जून 2024 को राज्य सरकार ने गोंदिया की एक फर्म श्री बालाजी एंड कंपनी जनरल मटेरियल सप्लायर को राज्यभर के सरकारी गोदामों में डैनेज पैलेट लगाने का ठेका दिया था। ठेके के मिलने के कुछ दिन बाद ही तत्कालीन सांसद कृपाल तुमाने ने एकनाथ शिंदे से इस ठेके में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। तुमाने ने इस संबंध में 13 अगस्त 2024 को एक शिकायती पत्र दिया था, जिसमें शिंदे ने इस ठेके की जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को दिया था। लेकिन भुजबल ने इस मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जांच का कोई आदेश नहीं दिया। सूत्रों का कहना है कि भुजबल इस मामले के कथित घोटाले की फाइल को एक साल तक दबाकर बैठे रहे। इस मामले की प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले और लोक जागृति मंच के अध्यक्ष देवानंद पवार भी सवाल उठा चुके हैं।

Created On :   9 March 2025 10:03 PM IST

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