Mumbai News: फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने वाले जिला परिषद कर्मियों का बंद होगा लाभ

फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने वाले जिला परिषद कर्मियों का बंद होगा लाभ
  • दिव्यांग विभाग के सचिव मुंढे के निर्देश
  • यूडीआईडी की जांच करने सीईओ को लिखा पत्र

Mumbai News प्रदेश के जिला परिषदों (जिप) के दिव्यांग अधिकारियों व कर्मचारियों और शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र (विशिष्ट पहचान पत्र- यूडीआईडी) की अब जांच होगी। इस जांच में फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने वाले जिला परिषदों के दिव्यांग कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनका विभिन्न प्रकार का लाभ भी बंद कर दिया जाएगा।

प्रदेश के दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव तुकाराम मुंढे ने राज्य के 34 जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को दिव्यांग कर्मियों के यूडीआईडी कार्ड की जांच करने के संबंध में पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जिला परिषद के अंतर्गत कार्यरत दिव्यांग अधिकारियों व कर्मचारियों और और शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर तबादले, सरलसेवा नियुक्ति, पदोन्नति, यात्रा भर्ता समेत सरकार की विभिन्न सहूलियतों का लाभ लेते हैं पर दिव्यांगता प्रमाणपत्र की वैधता को लेकर दिव्यांग कल्याण विभाग के पास कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसमें दिव्यांग कर्मियों के यूडीआईडी कार्ड के बारे में आशंका व्यक्त की गई है। इसलिए दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम-2016 के तहत जिला परिषदों के शिक्षा, स्वास्थ्य निर्माण कार्य समेत अन्य विभागों के सभी दिव्यांग कर्मियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाए।

जिन कर्मियों का प्रमाणपत्र फर्जी होगा अथवा दिव्यांगता का प्रमाण 40 प्रतिशत से कम होगा। ऐसे दिव्यांगों विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ बंद करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मुंढे ने पुणे के दिव्यांग कल्याण आयुक्त समीर कुर्तकोटी को 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। दिव्यांग अधिनियम की धारा-91 के प्रावधानों के अनुसार फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र के आधार पर अपात्र व्यक्ति सरकारी लाभ ले रहे होंगे तो उन्हें दो साल की जेल अथवा एक लाख रुपए दंड अथवा दोनों सजा हो सकती है।


Created On :   20 Sept 2025 8:02 PM IST

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