- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- पर्यावरण विभाग के पास बजट नहीं, कई...
Mumbai News: पर्यावरण विभाग के पास बजट नहीं, कई योजनाएं और फैसले अटके - पंकजा मुंडे

- पर्यावरण विभाग सीएसआर के जरिए जुटा रहा है फंड
- पर्यावरण विभाग के पास बजट नहीं
- कई योजनाएं और फैसले अटके
Mumbai News. राज्य सरकार द्वारा फंड नहीं मिलने की शिकायत विधायक अक्सर करते रहते हैं। अब सरकार में पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने उनके विभाग में फंड के अभाव में विकास कार्यों और योजनाओं के अटकने को लेकर चिंता जाहिर की है। पंकजा ने नाशिक में एक कार्यक्रम में पर्यावरण विभाग में फंड की कमी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विभाग के पास आवश्यक कार्यों के लिए पर्याप्त बजट नहीं है। जिससे कई योजनाएं और नीतिगत फैसले अटक गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके विभाग में कुछ कार्यों को सीएसआर फंड के जरिए कराया जा रहा है।
पंकजा मुंडे ने क्या कहा?
पंकजा ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग, टायर जलाकर ऑयल बनाने वाली कंपनियां, अवैध खनन जैसी गंभीर समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। लेकिन जब हमारे विभाग के पास पर्याप्त फंड ही नहीं है तो हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण संरक्षण की सबसे अधिक आवश्यकता है। लोग जागरूक हो रहे हैं, लेकिन हमें संसाधनों की कमी के कारण रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है। संसाधनों को मजबूत करने के लिए फंड की आवश्यकता होती है लेकिन विभाग के पास पैसे नहीं हैं। मंत्री पंकजा ने राज्य सरकार से पर्यावरण विभाग को फंड आवंटित करने की भी अपील की। इसके साथ ही मुंडे ने अपने विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरह नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए छापेमारी करने को कहा, ताकि प्रदूषण करने वाले लोगों पर कार्रवाई कर उन पर जुर्माना लगाकर फंड का इंतजाम हो सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण राज्य के भविष्य एवं स्वास्थ्य से जुड़ा अहम विभाग है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षति जैसे मुद्दों से निपटने के लिए हमें कार्य बल, निगरानी प्रणाली, तकनीकी संसाधन और वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
सरकार में बढ़ रही नाराजगी?
पंकजा मुंडे पहली ऐसी मंत्री नहीं हैं जिन्होंने विभाग को नहीं मिल रहे फंड को लेकर नाराजगी जताई है। इससे पहले भी विभिन्न विभागों के मंत्री बजट और अधिकारों को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी जता चुके हैं।सबसे पहले सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने उनके विभाग से लाडली बहन योजना के लिए फंड कटौती को लेकर नाराजगी जताई थी। इसके बाद आदिवासी मंत्री अशोक उईके ने भी उनके विभाग से फंड के डायवर्ट होने पर सवाल उठाए थे। कुछ दिनों पहले भी तत्कालीन खेल मंत्री दत्तात्रय भरणे ने कहा था कि मैं हमेशा मेरे विधानसभा क्षेत्र इंदापुर के लिए ज्यादा से ज्यादा धनराशि कैसे जुटाऊं इसको लेकर कोशिश में रहता हूं? भरणे ने कहा था कि लाडली बहन योजना के कारण उनके विभाग को फंड मिलने में देरी हो रही है, जिसकी वजह से खेल योजनाओं को फंड नहीं मिल पा रहा है।
उद्धव ठाकरे भी जता चुके हैं नाराजगी
शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत विपक्ष के कई नेता राज्य के ज्यादातर विभागों में फंड की कमी को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। ठाकरे ने कहा था कि सरकार के पास पैसा नहीं है लेकिन भ्रष्ट मंत्रियों के पास रुपयों से भरे बैग मिल रहे हैं। उन्होंने कहा था जब राज्य सरकार लाड़ली बहनों के लिए बजट में अलग से फंड निर्धारित कर चुकी है तो फिर दूसरे विभागों से इस योजना के लिए फंड डायवर्ट क्यों किया जा रहा है।
Created On :   3 Aug 2025 9:48 PM IST