Mumbai News: महारेरा के नियमों का पालन न करने होगी कड़ी कार्रवाई, घर खरीदारों को मिलेगा न्याय

महारेरा के नियमों का पालन न करने होगी कड़ी कार्रवाई, घर खरीदारों को मिलेगा न्याय
  • बिल्डर ने जुर्माना भरने में की आनाकानी तो अब होगी जेल
  • सिविल कोर्ट के जरिए होगी गिरफ्तारी की प्रक्रिया

Mumbai News महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (महारेरा) ने अपने नियम में बदलाव किया है। जिसमें अब वसूली आदेश का पालन न करने वाले बिल्डरों की संपत्ति जब्त करने, बैंक खाते फ्रीज करने समेत कारावास का प्रावधान किया गया है। इस फैसले से घर खरीदारों को न्याय के लिए न तो भटकना पड़ेगा और न ही लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

अब तक ऐसा देखा गया है कि महारेरा के वसूली आदेश के बाद भी बिल्डर खरीदारों को निवेश की रकम और ब्याज नहीं लौटाते थे। ऐसे में अब महारेरा के नए परिपत्र के अनुसार ऐसे बिल्डरों की संपत्ति जब्त करने, उसकी नीलामी करने के अलावा 3 महीने तक जेल का प्रावधान किया गया है।

कैसे जारी होता है वसूली वारंट : ग्राहकों से धोखाधड़ी या ‘रेरा' कानून के उल्लंघन को लेकर ‘महारेरा' में कई शिकायतें आती हैं। इन शिकायतों की सुनवाई में अगर रेरा कानून का उल्लंघन साबित होता है तो बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसमें शिकायतकर्ता द्वारा संपत्ति (घर) के लिए भुगतान की गई रकम ब्याज सहित डेवलपर (बिल्डर) को वापस करने के आदेश दिए जाते हैं। लेकिन अधिकांश बिल्डर इस आदेश का पालन नहीं करते हैं। महारेरा ऐसे बिल्डरों के खिलाफ वसूली आदेश यानी ‘वसूली वारंट' जारी करता है। यह वसूली वारंट संबंधित जिलाधिकारी के जरिये क्रियान्वित किया जाता है। इसके बाद बिल्डर की संपत्ति जब्त की जाती है और निर्धारित रकम संबंधित शिकायतकर्ता को दी जाती है।

आखिरी मौका और समन : यदि महारेरा के वसूली आदेश की तिथि से 60 दिनों के भीतर ग्राहक की रकम ब्याज सहित वापस नहीं की जाती है तो शिकायतकर्ता को महारेरा की वेबसाइट पर शिकायत या आवेदन दर्ज करना होगा। आवेदन के चार सप्ताह के भीतर महारेरा इस मामले पर सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान डेवलपर को राशि वापस करने का अवसर दिया जाएगा। लेकिन आखिरी मौके के बाद भी रकम वापस नहीं की जाती है तो डेवलपर को हलफनामे के जरिए अपनी संपत्ति, बैंक खाते और निवेश की जानकारी देनी होगी। हलफनामा न देने पर संबंधित डेवलपर के खिलाफ समन जारी किया जाएगा। उसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

तीन प्रकार की कार्रवाई का प्रावधान : नए सर्कुलर के अनुसार, वसूली आदेश का पालन न करने वाले डेवलपर के खिलाफ तीन तरह की कार्रवाई की जा सकेगी। इसमें संपत्ति जब्त करना, बैंक खाते फ्रीज करना और कारावास शामिल है। डेवलपर को सीधे तीन महीने के लिए जेल भेजा जा सकता है। क्योंकि 'महारेरा' को गिरफ्तारी का अधिकार नहीं है, इसलिए यह प्रक्रिया सिविल कोर्ट के माध्यम से की जाएगी।


Created On :   22 Nov 2025 7:51 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story