Mumbai News: एमएसआईडीसी बनाएगा नाशिक रिंग रोड, शहरों में सर्कस आयोजन के लिए मैदान की दरें रहेंगी कायम

एमएसआईडीसी बनाएगा नाशिक रिंग रोड, शहरों में सर्कस आयोजन के लिए मैदान की दरें रहेंगी कायम
  • एमएसआईडीसी बनाएगा नाशिक रिंग रोड
  • राज्य सरकार के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने दी मंजूरी

Mumbai News. प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमएसआईडीसी) के माध्यम से नाशिक रिंग रोड बनाने के लिए मंजूरी प्रदान की है। नाशिक रिंग रोड कुल 66.15 किमी का होगा। शुक्रवार को राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। नाशिक रिंग रोड बनाने के लिए भूमिअधिग्रहण पर आवश्यक 3659 करोड़ 47 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी दी है। भूमिअधिग्रहण के लिए यह राशि नाशिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभमेला प्राधिकरण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। नाशिक रिंग रोड डीआरडीओ जंक्शन आडगांव-दिंडोरी रोड डकांबले शिवार-राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 848- पेठ गवलवाडी-गंगापुर रोड-गोवर्धन-त्रंबक महामार्ग-बेलगांव ढगा-नाशिक मुंबई महामार्ग-विल्होली राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 60 सिन्नर फाटा व आडगाव से होकर गुजरेगा। नाशिक रिंग रोड परियोजना के निर्माण के लिए 4262 करोड़ 64 लाख रुपए अनुमानति लागत है। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के विचाराधीन है। यह मंजूरी प्राप्त होने के बाद परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच करार होगा। नाशिक रिंग रोड परियोजना पूरी होने के बाद टोल टैक्स वसूली करने का फैसला हुआ तो प्राप्त होने वाली राजस्व राशि केंद्र और राज्य सरकार के बीच विभाजित की जाएगी। इससे पहले बीते 4 नवंबर को राज्य मंत्रिमंडल की इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा समिति ने नाशिक रिंग रोड परियोजना को मंजूरी दी थी।

सिंहस्थ कुंभमेला में दो करोड़ आएंगे श्रद्धालु

सरकार का कहना है कि साल 2014 में नाशिक में आयोजित कुंभ के दौरान एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए थे। लेकिन साल 2027 के नाशिक-त्र्यंबकेश्वर सिंहस्थ कुंभमेला में दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में नाशिक शहर की वर्तमान परिवहन आधारभूत सुविधा और सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था पर प्रचंड दबाव होगा। इसके मद्देनजर नाशिक रिंग रोड का निर्माण अंत्यत आवश्यक है। नाशिक रिंग रोड से शहर का ट्रॉफिक जाम कम होगा। इसके साथ ही लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और औद्योगिक विकास को गति मिल सकेगी।

शहरों में सर्कस आयोजन के लिए मैदान की दरें रहेंगी कायम

मुंबई को छोड़कर राज्य भर के महानगर पालिकाओं क्षेत्र और अन्य इलाकों में सर्कस के आयोजन के लिए मैदान की वर्तमान दरें कायम रहेंगी। राज्य के राजस्व विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। मुंबई के अलावा बाकी महानगर पालिका क्षेत्र में सर्कस के आयोजन के लिए मैदान का किराया प्रति 100 वर्ग मीटर के लिए 25 रुपए वसूला जाएगा। जबकि बाकी इलाकों में किराए की दर प्रति 100 वर्ग मीटर के लिए 10 रुपए लिया जाएगा। वहीं इन मैदानों में विभिन्न समारोह के आयोजन के लिए भी वर्तमान दरें में अगले तीन साल के लिए लागू रहेंगी। लेकिन तीन साल बाद मौजूदा दर में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की जाएगी। सरकार के मुताबिक राज्य के खुले सरकारी मैदान और जमीन को विवाह, स्वागत समारोह, मनोरंजन, धार्मिक कार्यक्रम और सर्कस के आयोजन के लिए उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन कानूनी कारणों से जंगली प्राणियों का खेल सर्कस में बंद है। डिस्कवरी और एनिमल प्लेनेट चैनल पर प्राणी जगत की जानकारी उपलब्ध है। इससे सामान्य जनता और बच्चों में सर्कस के प्रति बहुत आकर्षक नहीं है। साल 2019 में कोविड महामारी के कारण सर्कस बंद हो गया है। इससे सर्कस पर निर्भर कलाकारों का भविष्य खतरे में है। वहीं सर्कस भी विलुप्त होने के कगार पर है। सर्कस का खेल दिन पर दिन कम होता चला आ रहा है। ऐसी परिस्थिति में सर्कस पर निर्भर कलाकारों का जीवनस्तर सुधारने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। इससे पहले सरकार ने मुंबई शहर और मुंबई उपनगर में सर्कस के आयोजन के लिए अनामत राशि में 50 प्रतिशत छूट देने का फैसला लिया गया है। पहले मुंबई के मैदानों के लिए निर्धारित किराए की जितना भी अनामत (डिपॉजिट) राशि जमा करना पड़ता था।

Created On :   21 Nov 2025 10:48 PM IST

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