Mumbai News: मुख्यमंत्री फडणवीस ने आक्रामक तेंदुओं की नसबंदी और ड्रोन से निगरानी के दिए आदेश

मुख्यमंत्री फडणवीस ने आक्रामक तेंदुओं की नसबंदी और ड्रोन से निगरानी के दिए आदेश
  • राज्य आपदा घोषित करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में पेश करें
  • मुख्यमंत्री फडणवीस ने आक्रामक तेंदुओं की नसबंदी और ड्रोन से निगरानी के दिए आदेश

Mumbai News. महाराष्ट्र में तेंदुओं के लगातार बढ़ते हमलों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को वन और संबंधित विभागों को कई कड़े और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस गंभीर समस्या को राज्य आपदा घोषित करने का प्रस्ताव अगली मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जाए। इसके साथ ही तेंदुओं को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के शेड्यूल-1 से हटाकर शेड्यूल-2 में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश भी दिए गए। शेड्यूल-1 में होने के कारण तेंदुओं को पकड़ने या मारने पर कानूनी सीमाएं आ जाती हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस समस्या से निपटने के लिए दो तरह के तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय सुझाए।

तात्कालिक उपाय

  • - राज्य आपदा प्रस्ताव: तेंदुओं के हमलों को 'राज्य आपदा' घोषित करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष लाया जाए।
  • - पकड़ने के लिए टेक्नोलॉजी: गांव व शहर के पास घूम रहे तेंदुओं को ढूंढने और पकड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए।
  • - गश्त में तेजी: तेंदुए प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और वन विभाग संयुक्त रूप से गश्त बढ़ाएं।
  • - संसाधन बढ़ाना: तत्काल पिंजरे, वाहन और रेस्क्यू टीम की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए जिला नियोजन समिति से फंड उपलब्ध कराया जाए।

दीर्घकालिक उपाय

  • - शेड्यूल-1 से बाहर: तेंदुओं को शेड्यूल-1 से बाहर निकालने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए, ताकि आदमखोर तेंदुओं पर कार्रवाई आसान हो सके।
  • - आदमखोरों की नसबंदी: केंद्र से नसबंदी की अनुमति मिलने के बाद तेंदुओं की पहचान करके उनकी नसबंदी की जाए।
  • - पुणे में दो नए केंद्र: पुणे जिले में तेंदुओं के इलाज और पुनर्वसन के लिए अगले दो से तीन महीने में दो रेस्क्यू सेंटर तुरंत शुरू किए जाएं।
  • - क्षमता वृद्धि: गोरेवाड़ा समेत अन्य मौजूदा रेस्क्यू सेंटरों की क्षमता तत्काल बढ़ाई जाए।

एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री के मुताबिक इस समस्या के बढ़ने से लोगों में नाराजगी है। शहरी या ग्रामीण बस्तियों में आने वाले तेंदुए को आदमखोर मानकर ही पकड़ा जाए। मौजूदा माणिकडोह और अन्य बचाव केंद्रों की क्षमता तुरंत बढ़ाई जाए।

अजित पवार, उपमुख्यमंत्री के मुताबिक पुणे, अहमदनगर और नाषिक जिलों के तेंदुए प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों का समय सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 4 बजे तक करना चाहिए। ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

गणेश नाईक, वन मंत्री के मुताबिक जंगल में शिकार कम होने के कारण तेंदुए मानव बस्तियों में आ रहे हैं। अधिक तेंदुए वाले जंगलों में बकरियां छोड़ी जाएं ताकि तेंदुओं को जंगल में ही भोजन मिल सके और वे बस्तियों की ओर न आएं। पुणे जिले में चरणबद्ध तरीके से 1 हजार 200 पिंजरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।


Created On :   18 Nov 2025 9:11 PM IST

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