बॉम्बे हाई कोर्ट: यात्रा के अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते, सेबी के पास 27 करोड़ जमा करने की शर्त खारिज

यात्रा के अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते, सेबी के पास 27 करोड़ जमा करने की शर्त खारिज
  • केतन पारेख की विदेश यात्रा से जुड़ा मामला
  • सेबी के पास 27 करोड़ जमा करने की शर्त को किया खारिज
  • कहा - यात्रा के अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते

Mumbai News. बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूर्व स्टॉक ब्रोकर केतन पारेख की दो सप्ताह की विदेश यात्रा के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 27 करोड़ रुपये जमा करने की शर्त खारिज कर दिया। अदालत ने उन्हें 5 लाख रुपए की सुरक्षा राशि जमा करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यात्रा के अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते। न्यायमूर्ति एन. जे. जमादार की एकल पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत नहीं होता कि विशेष न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता (पारेख) की सुनवाई में उपस्थिति सुनिश्चित करने या यह सुनिश्चित करने के लिए कि जिन शर्तों पर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया गया था, उनका पालन किया गया है। पीठ ने कहा कि विदेश यात्रा के अधिकार को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का एक पहलू माना गया है। इसलिए इस पर अनुचित और मनमाने प्रतिबंध नहीं लगाए जा सकते, भले ही किसी व्यक्ति पर मुकदमा चल रहा हो। विदेश यात्रा की अनुमति देते समय, निस्संदेह, क्षेत्राधिकार वाली अदालत को शर्तें लगाने का अधिकार है। हालांकि, शर्तें इतनी कठोर नहीं होनी चाहिए कि विदेश यात्रा का अधिकार ही समाप्त हो जाए।

2000-01 के प्रतिभूति धोखाधड़ी मामले में कथित भूमिका के कारण शेयर बाजार से 14 साल के लिए प्रतिबंधित किए गए पारेख मुंबई की एक विशेष सेबी अदालत में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में पारित एक आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उन्हें 27 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। पारेख ने अपनी याचिका में दावा किया कि इतनी बड़ी राशि जमा करने की ऐसी शर्त विदेश यात्रा के लिए दी गई अनुमति को रद्द करती है। पारेख ने 5 नवंबर से 9 नवंबर तक पारिवारिक अवकाश के लिए थाईलैंड और 18 नवंबर से 28 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात में पारिवारिक विवाह समारोह के लिए यात्रा की अनुमति मांगी थी।

Created On :   18 Nov 2025 7:33 PM IST

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