Mumbai News: बिहार चुनाव परिणामों पर कटाक्ष करते उद्धव ठाकरे ने पूछा - तेजस्वी की सभा में जो भीड़ दिखी थी - क्या वो एआई की थी

बिहार चुनाव परिणामों पर कटाक्ष करते उद्धव ठाकरे ने पूछा - तेजस्वी की सभा में जो भीड़ दिखी थी - क्या वो एआई की थी
  • शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे का बयान
  • बिहार चुनाव परिणामों पर कटाक्ष किया
  • पूछा - तेजस्वी की सभा में जो भीड़ दिखी थी - क्या वो एआई की थी
  • 65 लाख नाम गायब, कोई जवाब नहीं

Mumbai News. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर राजनीति लगातार गर्माती जा रही है। अब शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बिहार चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए तंज कसा है कि तेजस्वी यादव की रैलियों में जो भारी भीड़ दिखाई दी थी, उस बारे में पता नहीं चल रहा है कि वो असली थी या आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की थी। उन्होंने कहा कि मीडिया में सत्ता-विरोधी लहर इतनी बड़ी दिखाई गई लेकिन नतीजे कुछ और निकल कर आए। ठाकरे ने कहा कि अब तो पूछना पड़ेगा ही क्या तेजस्वी की सभा में जो भीड़ दिख रही थी, वो एआई की बनाई हुई थी?

चुनाव आयोग पर भी निशाना

उद्धव ठाकरे ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजे कई सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने दावा किया कि देश में लोकतंत्र का असली चेहरा तब दिखता है जब जनता वोट डालती है, न कि जब नतीजे आते हैं। बिहार में यह फर्क सबको दिख गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की रैलियों में दिखने वाली ऊर्जा और जनसमर्थन के बावजूद एनडीए को मिली बड़े अंतर से जीत पर संदेह होना स्वाभाविक है। अजीब बात है, जिसके पास बहुत भीड़ होती है, उसकी सरकार नहीं आती, और जहां कुर्सियां खाली हों उनकी सरकार बन जाती है। ठाकरे ने कहा कि 10 हजार वाला फॉर्मूला चल गया, लेकिन जनता का दर्द अभी भी बाकी है। ठाकरे ने कहा कि पैसे का प्रभाव चुनाव में साफ तौर पर देखा गया। उन्होंने कहा कि एनडीए को भले ही बहुमत मिल गया, लेकिन नेता चुनने में उन्हें समय लगता है।

65 लाख नाम गायब, कोई जवाब नहीं

उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर महाराष्ट्र में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए गए, लेकिन बाद में उन्हें वापस जोड़ा गया या नहीं, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हमने मोर्चा निकाला, फर्जी पते और डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन पर सवाल उठाए, लेकिन चुनाव आयोग चुप है। क्या इस पूरी प्रक्रिया को लोकतांत्रिक कहा जाए? उन्होंने साफ किया कि चुनाव से उन्हें कोई विरोध नहीं, लेकिन पारदर्शिता आवश्यक है।

Created On :   16 Nov 2025 9:44 PM IST

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