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Mumbai News: कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा पर उद्धव गुट की सलाह, धैर्य रखे कांग्रेस

- राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय विचारों को खूंटी पर लटकाकर रखें
- अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा पर उद्धव गुट की कांग्रेस को सलाह
Mumbai News. स्थानीय चुनावों से ठीक पहले महाविकास आघाड़ी के भीतर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस द्वारा मुंबई में बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने नरम रुख अपनाते हुए राज्य में फिलहाल गठबंधन का तकाजा बताया है। शिवसेना (उद्धव) के मुखपत्र में कांग्रेस पर न केवल तंज कसा गया है बल्कि उसे गठबंधन में चुनाव लड़ने की सलाह भी दी गई है। उद्धव गुट ने सलाह देते हुए कहा कि महाआघाड़ी ने बीते कुछ वर्षों में जनता का भरोसा मेहनत से जीता है। इसलिए कांग्रेस को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। समझदारी इसी में है कि सभी मराठी महाराष्ट्र के धर्म के रूप में एक साथ आएं और भाजपा का मुकाबला करें।
मुखपत्र में कहा गया है कि मुंबई कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। लगता है बिहार चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस में आत्मविश्वास पैदा हुआ है। उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। कांग्रेस को लगता है कि राज ठाकरे साथ आते हैं तो उन्हें चुनाव में नुकसान हो सकता है। कांग्रेस ने बिहार में राज ठाकरे के साथ चुनाव नहीं लड़ा तो फिर वहां उसकी कैसे हार हुई? स्थानीय चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं लडे जाते। हमारी यह लड़ाई मुंबई की आन और बान की है।
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कांग्रेस को लगता है कि अगर उसने राज ठाकरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उत्तर भारतीय और मुस्लिम वोट उससे दूर हो जाएंगे। लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उत्तर भारतीय और मुस्लिम मतदाताओं ने महाआघाडी को ही वोट दिया था, ये भी कांग्रेस को याद रखना चाहिए। अगर कांग्रेस मुंबई में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करती है तो फिर बाकी की 27 महानगरपालिकाओं का क्या? संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई में कांग्रेस ने जो किया है वो इस बार न करे। राष्ट्रीय पार्टी को राष्ट्रीय विचारों को अभी दिल्ली की खूंटी पर लटकाकर रखना चाहिए।
उद्धव गुट की टिप्पणी पर मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भाजपा की हार जरुरी है लेकिन नफरत की राजनीति किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उद्धव गुट ने जुलाई महीने में ही इस पर स्पष्ट किया होता तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती। राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है लेकिन गठबंधन में पारदर्शिता भी जरुरी है।
Created On :   18 Nov 2025 7:57 PM IST












