Mumbai News: ओम बिरला ने कहा - प्राक्कलन समितियों में होगा एआई का इस्तेमाल, संसदीय कूटनीति आगे बढ़ाने की पैरवी

ओम बिरला ने कहा - प्राक्कलन समितियों में होगा एआई का इस्तेमाल, संसदीय कूटनीति आगे बढ़ाने की पैरवी
  • लोकसभा अध्यक्ष बोले- सरकारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने विकसित करेंगे तंत्र
  • संसदीय कूटनीति आगे बढ़ाने की पैरवी

Mumbai News. लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्राक्कलन (अनुमान) समितियों के सभी सदस्यों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद और राज्यों की प्राक्कलन समितियां सामंजस्य स्थापित करके एक तंत्र विकसित करेंगी। जिससे सभी राज्यों की प्राक्कलन समितियां जवाबदेही से काम कर सकें। प्राक्कलन समितियों के कामकाज के लिए डिजिटल टूल्स और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके जितनी वित्तीय पारदर्शिता लाई जाएगी, उतना ही सरकार जवाबदेही होगी। सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ने संसद और राज्यों व संघ राज्यों की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसके साथ ही संसद की प्राक्कलन समिति की ओर से विधानभवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, विधान परिषद के सभापति राम शिंदे, विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, लोकसभा की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, महाराष्ट्र विधानमंडल की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष अर्जुन खोतकर, महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे, महाराष्ट्र विधान सभा के उपाध्यक्ष अण्णा बनसोडे, महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे मौजद थे। इस दौरान संसद की प्राक्कलन समिति की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक स्मारिका का विमोचन किया। इस मौके पर बिरला ने कहा कि सरकारी सचिवालय के पुनर्गठन, रेल और सड़क कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए प्राक्कलन समिति ने कई सिफारिशों की है। इनमें से अधिकांश सिफारिशों को संसद ने स्वीकार किया है। बिरला ने कहा कि 10 अप्रैल 1950 को लोकसभा की प्राक्कलन समिति का गठन किया गया था। यह हमारे संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में एक परिवर्तनकारी कदम था। कड़ी वित्तीय निगरानी की आवश्यकता को देखते हुए इस समिति का गठन किया गया था। समिति की परिकल्पना सरकारी व्यय की जांच करने और सार्वजनिक धन के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करना था।

सरकार पर अंकुश रखने का काम - मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राक्कलन संस्कृत शब्द है। लेकिन जिस चीज का पहले अनुमान लगाया जाता है। उसे प्राक्कलन कहते हैं। प्राक्कलन समिति सरकारी के बजटीय धन पर अंकुश रखने का काम करती हैं। प्राक्कलन समिति सरकार के बजट में की गई मांग और उसकी आवश्यकता, खर्च पर निगरानी रखती है। प्राक्कलन समिति सरकारी विभागों को पटरी पर लाने का काम करती है।

दूसरे देशों के साथ संसदीय मैत्री समूहों के तंत्र को संस्थागत बनाया जाएगा: बिरला

इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसदीय कूटनीति को आगे बढ़ाने की पैरवी करते हुए सोमवार को कहा कि भारत जल्द ही विभिन्न देशों की संसदों के साथ मैत्री समूह स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने हाल ही में विश्व के कई प्रमुख देशों के दौरे किए थे और उस दौरान अंतर-संसदीय मैत्री समूह स्थापित करने का सुझाव भी सामने आया था। बिरला ने मुंबई में संसद और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के विधान मंडलों की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए मुंबई में थे। इस दौरान संवाददाताओं से लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि हम संसदीय मैत्री समूह स्थापित करने पर काम कर रहे हैं क्योंकि कई देशों ने इस तरह का अनुरोध किया है। कांग्रेस नेता शशि थरूर, द्रमुक नेता कनिमोझी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद) नेता सुप्रिया सुले आदि विपक्षी दलों के नेताओं के नेतृत्व में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने 33 देशों का दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने प्रधानमंत्री को संसदीय मैत्री समूहों के तंत्र को संस्थागत बनाने के लिए कई देशों द्वारा व्यक्त की गई इच्छा से अवगत कराया। ऐसी जानकारी सामने आई है कि प्रधानमंत्री भी विभिन्न मुद्दों पर भारत के संदेश को दुनिया के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने के लिए संसदीय कूटनीति के एक हिस्से के रूप में संसदीय मैत्री समूहों को संस्थागत बनाने के विचार से सहमत हो गए हैं। बिरला ने कहा कि वह जल्द ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ इस विषय पर चर्चा करेंगे और सुझाव को आगे बढ़ाने के तौर-तरीके तैयार करेंगे।

Created On :   23 Jun 2025 8:36 PM IST

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