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सदन की कार्यवाही: परब ने कहा - ढाई साल बाद भी गोर्हे पर फैसला नहीं हुआ, गिग श्रमिकों के लिए कानून का मसौदा तैयार कर रही सरकार

- इमारत कामगारों का होगा बायोमेट्रिक पंजीयन
- वाघ थोड़ा क्या जख्मी हुआ, यह जंगली श्वान खड़े हो गए हैं - अनिल परब
- राज्य में 4 महीनों में ड्रग्स के 5001 मामले हुए दर्ज, 4481 आरोपियों को किया गिरफ्तार
- छत्रपति संभाजीनगर के बाल सुधारगृह के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज हो- दानवे
- अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई के लिए संयुक्त समिति गठित
Mumbai News. विधान परिषद में शिवसेना (उद्धव) के सदस्य अनिल परब ने सदन की उपसभापति नीलम गोर्हे के खिलाफ दाखिल अयोग्यता के प्रस्ताव पर फैसला नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। मंगलवार को सदन में परब ने कहा कि मैंने लगभग ढाई साल पहले गोर्हे के खिलाफ अयोग्यता का प्रस्ताव दाखिल किया है। नियमों के अनुसार 90 दिनों में इस पर फैसला हो जाना चाहिए था। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसलिए इस प्रस्ताव की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए। इस पर सदन के सभापति राम शिंदे ने कहा कि मैं संबंधित प्रस्ताव की स्थिति के बारे में जल्द ही अवगत कराऊंगा।
सदन का अहम भाग्य है
इस बीच परब ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कि आज विधान परिषद के सदन का अहम भाग्य है। क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक साथ सदन में मौजूद है। क्योंकि कई बार तो सदन में मंत्री नहीं रहते हैं। इसके लिए विपक्ष को हंगामा करना पड़ता है। जिसके बाद सदन में मंत्री आते हैं।
गिग श्रमिकों के लिए कानून का मसौदा तैयार कर रही सरकार
प्रदेश में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कारोबार करने वाली कंपनियों के गिग श्रमिक के लिए स्वतंत्र कानून बनाने का फैसला लिया गया है। इस कानून के लिए अभी मसौदा तैयार करने का काम शुरू है। विधान परिषद में राज्य के श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ई- कॉमर्स कंपनियों की संख्या बढ़ रही है। इससे इन कंपनियों के लिए डिलीवरी बॉय के रूप में अनुबंध पर काम करने वाले गिग श्रमिकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन गिग श्रमिकों को वर्तमान के श्रम कानून की व्याख्या लागू नहीं होती है। इसलिए गिग श्रमिकों के लिए अलग से कानून बनाया जाएगा। इससे गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सकेगी। मंगलवार को सदन में नियम 260 के तहत हुई चर्चा के जवाब में फुंडकर ने कहा कि केंद्र सरकार के ई- श्रम पोर्टल पर राज्य के 1 करोड़ 70 लाख असंगठित मजदूर पंजीकृत हैं। इन असंगठित मजदूर के लिए लगभग 68 आभासी मंडल बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी माथाडी कामगार के मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आ गई है। इसके तहत माथाडी कामगारों का शोषण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फुंडकर ने कहा कि सरकार ने श्रमिकों के लिए दो कानून को मंजूर करके केंद्र सरकार के पास भेजा है। जबकि बाकी दो कानून के बारे में श्रमिकों को विश्वास में लेते हुए फैसला लिया जाएगा।
इमारत कामगारों का होगा बायोमेट्रिक पंजीयन
इस दौरान फुंडकर ने कहा कि महाराष्ट्र इमारत व अन्य निर्माण कार्य कामगार कल्याणकारी मंडल में पंजीयन के लिए मजदूरों को फंसाने के मामले सामने आए हैं। इसलिए प्रत्येक कामगार के लिए बायोमेट्रिक पंजीयन अनिवार्य किया गया है। कामगारों के फर्जी पंजीयन को लेकर संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर 15 से 20 जगहों पर मामला भी दर्ज किया गया है।
वाघ थोड़ा क्या जख्मी हुआ, यह जंगली श्वान खड़े हो गए हैं - अनिल परब
विधान परिषद में विपक्ष ने झारखंड के गोड्डा सीट से भाजपा निशिकांत दुबे के महाराष्ट्र के बाहर मराठी भाषियों को पटक-पटक कर मारने वाले बयान पर हंगामा किया। मंगलवार को सदन में शिवसेना (उद्धव) के सदस्य अनिल परब ने भाजपा सांसद दुबे के विवादित बयान का मुद्दा उठाया। परब ने कहा कि दुबे ने मराठी भाषियों को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि उत्तर भारतीयों और मुस्लिमों को मारने वाले मराठी भाषियों को पटक-पटक कर मारेंगे। दुबे ने मराठी भाषियों को श्वान कहा है। लेकिन वाघ थोड़ा क्या जख्मी हुआ है, यह जंगली श्वान खड़े हो गए हैं। उनका इशारा दुबे की ओर था। परब ने कहा कि दुबे को एक बार महाराष्ट्र में बुलाना चाहिए। फिर राज्य की जनता बताएगी कि श्वान कौन है ? परब ने कहा कि दुबे भाजपा के सांसद है। इसलिए यह स्पष्ट होना चाहिए कि दुबे का बयान भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की अधिकृत विचार है क्या ? इसके जवाब में प्रदेश के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि सरकार दुबे के बयान से सहमत नहीं है। महायुति सरकार ने उनके बयान का कहीं पर भी समर्थन नहीं किया है।
राज्य में 4 महीनों में ड्रग्स के 5001 मामले हुए दर्ज, 4481 आरोपियों को किया गिरफ्तार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को बताया कि राज्य में जनवरी से अप्रैल 2025 तक कुल 28 हजार 302 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किया गया है, जिसकी कीमत लगभग 153.25 करोड़ रुपए है। इस दौरान एंटी नारकोटिक्स सेल और महाराष्ट्र पुलिस ने 4 महीनों में ड्रग्स के 5 हजार एक मामले दर्ज किए, जिसमें 4 हजार 481 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में फडणवीस ने यह भी बताया कि राज्य में गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद ये सामान सड़क किनारे खुलेआम बिक रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच 37 हजार 149 लोगों के खिलाफ इन उत्पादों की अवैध बिक्री करने पर कार्रवाई की है। फडणवीस ने कहा कि राज्यभर के सभी पुलिस थानों में एंटी-नारकोटिक्स सेल स्थापित किए गए हैं। इसके आलावा एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और नारकोटिक्स कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है, ताकि मादक पदार्थों के खिलाफ और अधिक प्रभावी कार्रवाई की जा सके। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। पुलिस भी इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध व्यापार पर कड़ी नजर रखी जाए और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
छत्रपति संभाजीनगर के बाल सुधारगृह के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज हो- दानवे
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने छत्रपति संभाजीनगर के छावनी स्थित विद्यादीप बालिका बाल सुधारगृह के प्रबंधन के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज करने की मांग की। जिसके बाद सदन के सभापति राम शिंदे ने सरकार को इस पर संज्ञान लेने के निर्देश दिए। फिर राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सरकार उचित कार्रवाई करेगी। मंगलवार को दानवे ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विद्यादीप बाल सुधारगृह में बच्चियों का पेट दुखने पर प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा रहा था। बच्चियों के साथ अघोरी विद्या और अंधश्रद्धा की जा रही थी। उनके शरीर पर निशान बनाए जा रहे थे। इसलिए परेशान होकर 9 बच्चियां भाग गई थी। जिसके बाद 8 बच्चियां मिल गई थीं। जिसके बाद सरकार ने जांच समिति का गठन किया है। लेकिन अभी तक इस समिति ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। दानवे ने कहा कि इस मामले को केंद्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। लेकिन पता नहीं है कि राज्य महिला आयोग कहां पर सोया है।
अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई के लिए संयुक्त समिति गठित
मंगलवार को विधानसभा में मुंबई में अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई करने का मुद्दा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान सदस्य योगेश सागर ने उठाया। जिस पर जवाब देते हुए मंत्री उदय सामंत ने घोषणा की कि मुंबई में अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई करने के लिए मुंबई मनपा आयुक्त, मुंबई पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर (शहर और उपनगर) की एक संयुक्त समिति बनाई जाएगी। यह समिति हर तीन महीने में बैठक करेगी और अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करेगी। सामंत ने कहा कि अवैध धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई करने के दौरान जन प्रतिनिधियों से भी चर्चा की जाएगी। सदस्य योगेश सागर ने घाटकोपर-मानखुर्द लिंक रोड पर म्हाडा की जमीन पर नूर-ए-इलाही मस्जिद के अनाधिकृत निर्माण, मालाड (प.) पठानवाड़ी, साईं बाबा नगर, धारावी में कई बने अवैध धार्मिक स्थलों का मुद्दा सदन में उठाया। जिस पर फैसला लेने के लिए सामंत ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा की। चर्चा में शामिल होते हुए सपा सदस्य रईस शेख ने मांग की कि अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई करते समय कोई पक्षपात न किया जाए।
Created On :   8 July 2025 10:20 PM IST