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Mumbai News: मैंग्रोव के अतिक्रमण को रोकने सुरक्षा रक्षक, मीठी नदी की सफाई में हुए 65 करोड़ रुपए के घोटाले में नया खुलासा

- मैंग्रोव के अतिक्रमण को रोकने सुरक्षा रक्षक
- मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में खुलासा - पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए चाय पीने के बहाने ईओडब्लू ऑफिस से भागा था रामूगड़े
Mumbai News. मुंबई शहर और मुंबई उपनगर में मैंग्रोव के अतिक्रमण को रोकने के लिए महाराष्ट्र सुरक्षा रक्षक और क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारी प्रतिदिन गश्त लगाते हैं। साथ ही मैंग्रोव क्षेत्र की सीमा पर सुरक्षा दीवारें भी बनाई जाती है। मुंबई शहर और मुंबई उपनगर में 4313.31 हेक्टेयर क्षेत्र का मैंग्रोव उत्तर कोंकण विभाग के अधीन है। राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक ने विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। नाईक ने बताया कि अप्रैल 2025 में मैंग्रोव को तोड़ने का मामला सामने नहीं आया है। मगर विभिन्न सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार और हाईकोर्ट की पूर्व अनुमति से मैंग्रोव को तोड़ा जाता है, पर मैंग्रोव को तोड़ने के बदले में मैंग्रोव का नया पौधा लगाया जाता है। सदन के भाजपा सदस्य प्रसाद लाड ने मैंग्रोव को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा था।
मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में खुलासा - पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए चाय पीने के बहाने ईओडब्लू ऑफिस से भागा था रामूगड़े
उधर मीठी नदी की सफाई में हुए 65 करोड़ रुपए के घोटाले में नया खुलासा हुआ है। इस घोटाले का मुख्य आरोपी मुंबई मनपा (बीएमसी) इंजीनियर प्रशांत रामूगडे दो महीने से फरार है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराथ शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रामूगडे को पूछताछ के लिए बुलाया था। उसे गिरफ्तारी को अंदेशा था। इसलिए वह चाय पीने के बहाने बाहर गया था। इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही है। जांच में यह भी पता चला है कि बीएमसी के जोन-3 और जोन-5 के नालों की सफाई के लिए जो टेंडर जारी किया गया था, उसमे भी उसी मशीनरी की शर्त डाली गई थी, ताकि पसंद के ठेकेदार को ठेका दिया जा सके। इसमें भी रामूगड़े की मिलीभगत थी। सूत्रों के मुताबिक 6 मई, 2025 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ईओडब्ल्यू ने रामूगडे को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया। आरोपी 15-20 मई के बीच ईओडब्ल्यू दफ्तर आया था। पहले सत्र की पूछताछ के बाद वह बैठा था। इसी दौरान उसे अपनी गिरफ्तारी का शक हुआ। इससे बचने के लिए उसने चाय पीने का बहाना बनाया था। बाहर आते ही वह अपनी गाड़ी में बैठा और चला गया। अंदर बैठे ईओडब्ल्यू अधिकारी उसके आने का इंतजार करते रहे।
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इसके तीसरे दिन रामूगडे ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी। उसे कोर्ट से अंतरिम राहत मिलती रही। हालांकि 30 जून को कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद रामूगडे ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
Created On :   8 July 2025 10:12 PM IST