Mumbai News: हरियाणा के गैंगस्टर संदीप गडोली मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त आरोपी के तौर पर बुलाने की याचिका खारिज

हरियाणा के गैंगस्टर संदीप गडोली मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त आरोपी के तौर पर बुलाने की याचिका खारिज
  • मुंबई की सेशन कोर्ट ने चार पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त आरोपी के तौर पर बुलाने की याचिका की खारिज
  • पांच पुलिसकर्मियों और गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड दिव्या पाहुजा सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था

Mumbai News. सेशन कोर्ट ने 2016 में हरियाणा के गैंगस्टर संदीप गडोली के मुठभेड़ मामले में चार पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त आरोपी के तौर पर बुलाने की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने माना कि उनके खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है। अभियोजन पक्ष के अनुसार ये चार लोग गैंगस्टर के गृह राज्य हरियाणा से आए पुलिस दल का हिस्सा थे, जिसने नौ साल से भी अधिक समय पहले अंधेरी में गोलीबारी में गडोली को मार गिराया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत काले ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है, जिसके आधार पर उन्हें समन जारी किया जाए। अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को अदालत को बताया कि मामले में साक्ष्य दर्ज करने का काम पूरा हो चुका है। गुरुग्राम के रहने वाले गडोली को 7 फरवरी 2016 को मुंबई के एयरपोर्ट मेट्रो होटल में हरियाणा पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। बाद में मुंबई पुलिस ने मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था।

मुंबई पुलिस ने इस सिलसिले में पांच पुलिसकर्मियों और गैंगस्टर की गर्लफ्रेंड दिव्या पाहुजा सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया। मुठभेड़ के सिलसिले में सात साल जेल में बिताने के बाद जमानत पर छुटने के कुछ महीने बाद जनवरी 2024 में गुरुग्राम के एक होटल के कमरे में पाहुजा (27) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुंबई पुलिस के अनुसा पाहुजा की मदद से गडोली को जाल में फंसाया गया और एक षड्यंत्र के तहत मुठभेड़ में मार दिया गया था। आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए और मामले की सुनवाई शुरू हुई।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि उसने 43 गवाहों की जांच की है और सबूतों से मामले में चार आरोपी की भूमिका का पता चला है। गवाहों की गवाही से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराध करने वाले अन्य चार व्यक्तियों (हरियाणा पुलिस) की भूमिका का खुलासा हुआ है। इन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने या बुलाने का निर्देश दिया जाए, जिससे आठ आरोपियों के साथ उन पर मुकदमा चलाया जा सके। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अन्य (चार) व्यक्तियों के खिलाफ अवैध कार्य करने के लिए उनके और अन्य लोगों के बीच समझौते के बारे में कोई प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है और साजिश को आगे बढ़ाने के लिए कार्रवाई की गई थी।

Created On :   8 July 2025 10:04 PM IST

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