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बॉम्बे हाई कोर्ट: पुलिस के गश्ती दल पर हमला करने वाली महिला समेत 4 को अग्रिम जमानत, धोखाधड़ी के आरोपी को अंतरिम राहत

- नाशिक में पुलिस के गश्ती दल पर हमला करने वाली महिला समेत 4 को अग्रिम जमानत
- बॉम्बे हाई कोर्ट से 8 लाख से अधिक की धोखाधड़ी में आरोपी को मिली अंतरिम राहत
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट से नासिक में पुलिस के गश्ती दल पर हमला करने वाली एक महिला समेत चार आरोपियों को अग्रिम जमानत मिली। अदालत ने माना कि आरोपियों के पास से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं की गई। इसलिए उनकी हिरासत में जांच की आवश्यक नहीं है। आरोपियों समेत 50 से अधिक लोगों पर इस साल 31 मार्च को पुलिस गश्ती दल पर हमला का करने का आरोप है। इगतपुरी पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। न्यायमूर्ति श्याम चांडक की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सुमित्रा राम खड़के, काशीनाथ आगिवाले, रामू खड़के एवं भीमा मोहन वारे की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील विवेक अरोटे ने दलील दी कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह संकेत मिले कि याचिकाकर्ताओं ने किसी भी पुलिसकर्मी को गंभीर चोट पहुंचाई है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में भी इसका उल्लेख नहीं है। पुलिस के इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, लेकिन पूछताछ के लिए उसकी पुलिस हिरासत की मांग नहीं की गई थी। इसलिए याचिकाकर्ताओं की हिरासत में जांच की आवश्यकता नहीं है। यदि उन्हें जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है, तो वे उनके जांच में सहयोग करेंगे। उनके फरार होने की संभावना नहीं है। अभियोजन पक्ष ने याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि 31 मार्च 2025 को इगतपुरी पुलिस स्टेशन का गश्ती दल पिंपरीपाड़ा से होते हुए जा रहा था। इस दौरान धारवाड़ी जमुंदा शिवार गांव में हुई एक आत्महत्या को लेकर 50 से अधिक लोग उपस्थित थे। जब पुलिस का गश्ती दल वहां उन्हें शांत करने के लिए पहुंचा, तो वे पुलिस कांस्टेबल गोडसे पर थप्पड़ और लात-घूंसों से हमला कर दिए। उन्होंने पुलिस दल पर पत्थर भी फेंके और उन्हें गंभीर चोट पहुंचाई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने यह माना कि याचिकाकर्ताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। उन्हें अग्रिम जमानत दी जाती है।
बॉम्बे हाई कोर्ट से 8 लाख से अधिक की धोखाधड़ी में आरोपी को मिली अंतरिम राहत
उधर बॉम्बे हाई कोर्ट से 8 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी में आरोप शुभम प्रकाश काले को अंतरिम राहत मिली है। अदालत ने उसे गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देते हुए जांच के लिए लासलगांव पुलिस स्टेशन में पेश होने का निर्देश दिया। 29 मई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। न्यायमूर्ति श्याम चांडक की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष शुभम प्रकाश काले की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील अमित प्रधान ने दलील दी कि याचिकाकर्ता धोखाधड़ी की राशि 8 लाख 36 हजार 220 रुपए वापस करने के लिए तैयार है। यह राशि योगेश विट्ठल जगताप नामक व्यक्ति के बैंक खाते में पड़ी है, जिसे पुलिस ने फ्रीज किया है। इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं है। सरकारी वकील एस.डी.शिंदे ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता की राशि योगेश जगताप के बैंक खाते में फ्रिज की गई है। वह इस मामले में आरोपी नहीं है। आरोपी काले को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है। पीठ ने याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी से संरक्षण दे दी और उसे 29 मई को सुनवाई की अगली तारीख तक हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच लासलगांव पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
Created On :   22 May 2025 10:04 PM IST