Mumbai News: ठाणे को मीरा-भायंदर से जोड़ने वाली सुरंग एवं एलिवेटेड सड़क परियोजनाओं के लिए निविदा का मामला याचिका खारिज

ठाणे को मीरा-भायंदर से जोड़ने वाली सुरंग एवं एलिवेटेड सड़क परियोजनाओं के लिए निविदा का मामला याचिका खारिज
  • अदालत ने एलएंडटी की याचिकाएं की खारिज
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को राहत देने से किया इनकार

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे को मीरा-भायंदर से जोड़ने वाली सुरंग एवं एलिवेटेड सड़क परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) कंपनी को राहत देने से इनकार कर दिया। एलएंडटी ने दावा किया कि उसे अपनी बोलियों की स्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, जबकि अन्य बोलीदाताओं को इसकी सूचना दी गई थी। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा शुरू की गई 16000 करोड़ रुपए से अधिक की दो परियोजनाएं ठाणे और मीरा-भायंदर को गौमुख से शिलफाटा में फाउंटेन होटल जंक्शन तक एक सुरंग के माध्यम से जोड़ती है और एक एलिवेटेड क्रीक रोड ब्रिज भायंदर को ठाणे में घोड़बंदर रोड से जोड़ेगा। यह पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) पुल के बाद दूसरा सबसे बड़ा होने की संभावना है, जिसे अटल सेतु भी कहा जाता है।

न्यायमूर्ति कमल खाता और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की अवकाश पीठ ने एलएंडटी की दो याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा कि वह आगे की रोक के लिए एलएंडटी के अनुरोध को खारिज कर रहा है। दोनों परियोजनाओं के लिए एलएंडटी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत की गई बोलियों को दो सप्ताह के लिए सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखा जाना चाहिए, जिससे वह सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सके। पीठ ने कहा कि एमएमआरडीए द्वारा बोलीदाताओं को दिए गए निर्देश के अनुसार वह निविदा से संबंधित निर्णय को सूचित करेगा।

एमएमआरडीए ने जुलाई 2024 में परियोजना के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। 8 अक्टूबर को एलएंडटी की एक अलग याचिका का जवाब देते हुए प्राधिकरण ने कहा था कि वह परियोजना के लिए बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि को 60 दिनों तक बढ़ा देगा।

एलएंडटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और वकील जनक द्वारकादास ने पीठ को बताया कि तकनीकी और वित्तीय बोलियां 30 दिसंबर 2024 को लगाई गई थीं। एमएमआरडीए ने 1 जनवरी को तकनीकी बोलियां खोली थीं और उनका मूल्यांकन किया जा रहा था। हालांकि याचिकाकर्ता कंपनी को इससे संबंधित कोई सूचना नहीं मिली थी। एमएमआरडीए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एमएमआरडीए के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि वित्तीय बोलियां खोलने से पहले एलएंडटी को यह सूचित करना आवश्यक नहीं था कि फर्म की बोली अनुत्तरदायी पाई गई थी। एलएंडटी ने इसे भेदभावपूर्ण, मनमाना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। इससे पहले 13 मई को अदालत ने एमएमआरडीए को निर्देश दिया था कि वह याचिका पर सुनवाई होने तक वित्तीय बोलियां न खोले। 15 मई को सुनवाई पूरी करते हुए और अपना आदेश सुरक्षित था। पीठ ने 20 मई को अपना फैसला सुनाया।

Created On :   20 May 2025 9:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story