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21 अगस्त को पंढरपुर के श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर मामले की है अगली सुनवाई
- मंदिर को सरकार के नियंत्रण से हटाने की मांग
- राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश
- डॉ सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बांबे हाईकोर्ट ने पंढरपुर के श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर को सरकार के नियंत्रण से हटाने की मांग को लेकर राज्य सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिका में श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर को सरकार के नियंत्रण से हटाने की मांग की गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को डॉ सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका सुनवाई के लिए आयी। सरकार की ओर से महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ ने अदालत से इस मामले में सरकार का पक्ष रखने के लिए समय की मांग की। अदालत ने 21 अगस्त तक सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। डॉ. स्वामी की ओर से पहले ही हलफनामा दाखिल कर दिया गया था। उसमें कहा गया है कि सरकार को श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर के प्रबंधन का अधिकार जिस धर्म और संप्रदाय का मंदिर है, उसके प्रतिनिधियों को दे देना चाहिए।
आर्टिकल 31 (ए) बी में संपदा के अधिग्रहण के लिए प्रदान करने के विधान की बचत (1) लेखा 13 में निहित है। सार्वजनिक हित में या संपत्ति के उचित प्रबंधन को सुरक्षित रखने के लिए सीमित अवधि के लिए राज्य द्वारा किसी भी संपत्ति के प्रबंधन का संरक्षण किया जाता है। खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 अगस्त को रखी है। डॉ. स्वामी ने दोबारा इस बात को दोहराया कि फैसला हमारे पक्ष में ही होगा। केंद्र सरकार ने पंढरपुर टेंपल एक्ट 1973 के अंतर्गत श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति का गठन कर मंदिर प्रबंधन का अधिकार अपने हाथ में ले लिया है। अदालत के बाहर श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर से जुड़े भक्तों ने भगवान श्री विट्ठल रुक्मिणी मूर्ति देकर डॉ सुब्रमण्यम स्वामी का स्वागत किया।
Created On :   6 July 2023 5:46 PM IST