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तुरंत होगी जांच: ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए अब हॉट वॉटर बैग तकनीक
- महिलाएं घर पर खुद ही कर पाएंगी परीक्षण
- बैग में उकेरी गई हैं ब्रेस्ट कैंसर की गांठ
- बीमारी का समय पर पता करना होगा आसान
- मुफ्त में पा सकते हैं हॉट वॉटर बैग
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। अब महिलाएं स्वयं अपने ब्रेस्ट का परीक्षण कर यह पता कर सकेंगी कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है कि नहीं? ब्रेस्ट कैंसर के इस स्व-परीक्षण का गुर महिलाएं एक हॉट वॉटर बैग के जरिये सिख सकेंगी। इस नवोन्मेषी जीवनरक्षक उपकरण हॉट वॉटर बैग का चिकित्सकीय परीक्षण टाटा कैंसर अस्पताल ने किया है।
अक्टूबर को स्तन-कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने अपनी 'थैंक्स ए डॉट' पहल के माध्यम से महिलाओं को स्वयं-स्तन परीक्षण सीखने और इसकी आदत डालने में मदद के लिए एक और नई पहल की है। इसके तहत एक हॉट वॉटर बैग तैयार किया गया है जिसे ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर फिल्म अभिनेत्री महिमा चौधरी की उपस्थिति में लांच किया गया है।
स्तन के स्व-परीक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के ब्रांड, कॉर्पोरेट संचार और सीएसआर प्रमुख रवींद्र शर्मा ने बताया कि स्तन कैंसर आज महिलाओं की आम बीमारियों में से एक है। इसलिए हर महिला के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह स्तन की जांच खुद करने के लिए कदम उठाएं।
ऐसे कर पाएंगी परीक्षण
रविन्द्र ने बताया कि हॉट वॉटर बैग (गर्म पानी की थैली) के डिजाइन में एक साधारण बदलाव किया गया है। इस बैग के सामने की तरफ ब्रेस्ट कैंसर की गांठों को उकेरा गया है। इस उकेर की मदद से महिलाएं अपने स्तन का परीक्षण करते समय यह पता लगा पाएंगी कि उन्हें स्तन कैंसर की वास्तविक गांठ है कि नहीं। इससे महिलाएं सही समय पर उपचार कर ब्रेस्ट कैंसर से खुद को बचा पाएंगी।
मुफ्त में मिलेगा हॉट वाटर बैग
रविन्द्र ने बताया कि महिलाएं मुफ्त में यह हॉट वाटर बैग पा सकेंगी। इसके लिए इन्हें https://www.sbilife.co.in/thanksadot इस वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। इसके अलावा इस बैग का इस्तेमाल किस तरह करना है इसकी जानकारी भी महिलाएं इस वेबसाइट के जरिये पा सकती हैं।
अभियान वास्तविकता को बदलने की दिशा में कदम
महिमा चौधरी ने कहा कि स्तन कैंसर सर्वाइवर के रूप में कैंसर का शीघ्र पता लगाने के महत्व और जीवन पर होने वाले इसके प्रभाव को मैं समझती हूं। एसबीआई लाइफ का 'थैंक्स ए डॉट' अभियान महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य है, महिलाओं को स्तन के स्व-परीक्षण के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ सशक्त बनाना है।
इन आयु वर्गों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि
हाल के अध्ययनों के अनुसार 25 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में चिंताजनक रूप से वृद्धि देखी गई है। इनमें से 60 फीसदी मामलों का पता अंतिम चरणों में चलता है, जिससे जीवित रहने की दर काफी कम हो जाती है। हालांकि, जल्दी पता लगने से स्तन कैंसर के 98 फीसदी मामलों में जान बचाई जा सकती है, जिसमें नियमित जांच स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है।
Created On :   11 Oct 2023 6:51 PM IST