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आफत में तड़का: थोक में 55, खुदरा में 70 रुपए किलो पहुंचे प्याज
- प्याज के साथ अदरक के दाम में भी तेजी आई
- सरकार ने अगस्त में 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. नवरात्रि के बाद से देश भर में प्याज के दाम अचानक बढ़ने लगे हैं। बाजार में एक सप्ताह में प्याज के दाम दोगुना बढ़ गए हैं। थोक बाजार में लाल और सफेद प्याज 55 रुपए और खुदरा बाजार में 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। व्यापारियों के अनुसार, बाजार में प्याज की आवक कम हुई है, जिसका असर दाम पर दिखाई दे रहा है। दिवाली के बाद दिसंबर माह में प्याज की नई फसल आएगी, तभी राहत मिलने के आसार हैं।
100 रुपए किलो तक जाने की संभावना : व्यापारियों के अनुसार प्याज के दाम खुदरा बाजार में 100 रुपए प्रति किलो तक जाने की संभावना है। 28 अक्टूबर को नागपुर में प्याज की कीमत 70 रुपए किलो है। शुक्रवार को यह 60 रुपए थी, एक हफ्ते पहले कीमतें 32, 37 और 40 रुपए प्रति किलो तक थीं। पिछले सीजन में बारिश के कारण प्याज की फसल खराब हो गई थी। बाजार में निम्न दर्जे की प्याज आ रही थी। अब वह भी समाप्त होने को है, ऐसे में दिसंबर माह तक राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। नागपुर की मंडी में नाशिक, अमरावती, अकोला, अचलपुर आदि जगह से प्याज की आवक होती है।
प्याज के साथ अदरक में भी तेजी आई है। थोक में अदरक के दाम 5000 से 5500 रुपए प्रति 60 किलो के स्तर पर पहुंच गए है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में अदरक की आवक कम हुई है, जिसके चलते दाम बढ़ रहे हैं, आने वाले दिनों में भी तेजी बनी रहेंगी।
लहसुन में भी तेजी की संभावना दिख रही है। इसमें 200 रुपए प्रति 40 किलो की तेजी आई है। थोक बाजार में लहसुन 2500 से 7400 रुपए प्रति 40 किलो बिक रही है, जबकि खुदरा में इसके दाम 100 से 200 रुपए प्रति किलो है।
क्यों बढ़ रही हैं कीमतें? : 15 दिनों में 40% तक गिरी प्याज की आवक : बीते 15 दिनों में प्याज की आवक में 40% तक की गिरावट देखी गई है। सामान्य दिनों में रोजाना लगभग 10 से 15 गाड़ी प्याज की आवक होती है। यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों में 5 से 10 रह गया है। एक गाड़ी में करीब 10 टन प्याज लोड होता है। इस हिसाब से रोजाना करीब 1500 टन कम प्याज मार्केट में आ रही है।
सरकार ने अगस्त में 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी
केंद्र सरकार ने अगस्त में प्याज के एक्सपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगाई थी, ताकि प्याज की आवक में देरी होने पर भी कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। अगस्त के पहले प्याज के एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार का यह आदेश 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा।
नुकसान के चलते बुआई कम : जानकारों का मानना है कि पिछले दो सालों में दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम हुई है, क्योंकि पिछले दो साल में किसानों को नुकसान हुआ है।
Created On :   29 Oct 2023 5:19 PM IST