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सदन की कार्रवाई: तीन अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, शहरी भूमि विभाजन कानून रद्द, गैरकानूनी धर्मांतरण की होगी उच्चस्तरीय जांच

- महाराष्ट्र शहरी भूमि विभाजन कानून रद्द, लाखों परिवारों को मिलेगी बड़ी राहत: चंद्रशेखर बावनकुले
- राज्य में 56 नदियों के पट्टे प्रदूषित – पंकजा मुंडे
- प्रदेश में कार्बन क्रेडिट के तर्ज पर तैयार होगा ग्रीन क्रेडिट
- नाना पटोले ने विधानसभा में मुख्य सचिव समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ पेश किया विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
- गैरकानूनी चर्च निर्माण और धर्मांतरण मामलों की होगी उच्चस्तरीय जांच: चंद्रशेखर बावनकुले
Mumbai News. महाराष्ट्र भूमि विभाजन निवारण अधिनियम, 1947 के अनुसार राज्य में एक निश्चित क्षेत्रफल वाली भूमि की खरीद-बिक्री पर कानूनन प्रतिबंध था। इस अधिनियम के निरस्त होने से कम क्षेत्र की जमीन की खरीद-बिक्री हो सकेगी। इस निर्णय को लागू करने के लिए राजस्व विभाग और नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, जमाबंदी आयुक्त और पंजीकरण महानिरीक्षक चार अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के क्रियान्वयन हेतु 15 दिनों के भीतर एक कार्य प्रणाली तैयार की जाएगी। इस निर्णय से भूमि लेन-देन में लगभग 50 लाख परिवारों को लाभ होगा। बावनकुले ने बताया कि 8 अगस्त 2023 की अधिसूचना के अनुसार, राज्य सरकार ने मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, अकोला और रायगड जिलों को छोड़कर राज्य के 32 अन्य जिलों में स्थानीय क्षेत्र घोषित किए हैं और बागवानी के लिए 10 आर और खेती के लिए 20 आर का मानक क्षेत्र निर्धारित किया है। इसमें नगरपालिका और नगर परिषद की सीमा के भीतर के क्षेत्र शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भूमि विभाजन निवारण अधिनियम, 1947 की धारा 7, 8 और 8 ए के अनुसार, भूमि का हस्तांतरण केवल इस तरह से किया जा सकता है कि स्थानीय क्षेत्र में भूमि का कोई टुकड़ा न बने। उन्होंने कहा कि विभाजन अधिनियम के कारण कई लेन-देन लंबित थे। इससे नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसी परिपेक्ष्य में शहरी क्षेत्रों में गांव से 200 मीटर की दूरी तक और विभिन्न प्राधिकरणों के बीच के क्षेत्रों में किए गए सभी भूखंडों के लेन-देन 1 जनवरी 2025 तक स्वीकार किए जाएंगे। चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विधानसभा में यह घोषणा की।
राज्य में 56 नदियों के पट्टे प्रदूषित – पंकजा मुंडे
प्रदेश भर की 56 नदियों के पट्टे प्रदूषित है। इसलिए नदियों के पुनर्जीवन के लिए व्यापक योजना तैयार की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश की पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित नहीं किए जाने के कारण नदियों का प्रदूषण ज्यादा बढ़ रहा है। बुधवार को प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य रणजीतसिंह मोहिते-पाटील ने नदियों के जल प्रदूषण को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में पंकजा ने कहा कि राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (एनडब्ल्यूएमपी) के तहत देश भर की 603 नदियों का सर्वेक्षण किया जाता है। इसके तहत राज्य की 155 नदियों का सर्वेक्षण किया गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की साल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 56 नदियों के पट्टे प्रदूषित हैं। पंकजा ने कहा कि स्थानीय निकायों की ओर से मलजल को साफ करने के लिए एसटीपी नहीं लगाया जा रहा है। इससे नदियों में सबसे ज्यादा प्रदूषण बढ़ रहा है। राज्य के 419 स्थानीय निकायों में 9 हजार 190 एमएलडी गंदा पानी तैयार होता है। जिसमें से केवल 50 प्रतिशत पानी को साफ किया है। राज्य के स्थानीय निकायों में 80 एसटीपी लगाने प्रस्ताव है। नदियों के संवर्धन के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में पंकजा ने कहा कि ठाणे की उल्हास नदी को भी साफ किया जाएगा।
प्रदेश में कार्बन क्रेडिट के तर्ज पर तैयार होगा ग्रीन क्रेडिट
प्रदेश में औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए कार्बन क्रेडिट के तर्ज पर अब ग्रीन क्रेडिट तैयार किया जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश की पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे ने यह घोषणा की। पंकजा ने कहा कि राज्य में उद्योगों के लिए ग्रीन बफर जोन तैयार करना अनिवार्य है। लेकिन कई बार पुराने उद्योगों जगह की कमी के कारण ग्रीन कवर तैयार नहीं कर पाते हैं। इसलिए अब उद्योगों को कंपनी से दूर गौचर समेत दूसरी भूमि पर ग्रीन कवर तैयार करने के लिए अनुमति दी जाएगी। इससे राज्य में ग्रीन क्रेडिट तैयार हो सकेगा।बुधवार को सदन में भाजपा सदस्य निरंजन डावखरे ने ठाणे के औद्योगिक क्षेत्र के प्रदूषण को रोकने को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में पंकजा ने कहा कि औद्योगिक प्रदूषण पर निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इस दौरान सदन में भाजपा सदस्य प्रसाद लाड ने ठाणे जिले में प्रदूषित उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूछा। इसके जवाब में पंकजा ने कहा कि 311 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जबकि 218 उद्योगों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन त्रुटि दूर करने के बाद उद्योगों को दोबारा शुरू करने की अनुमति दी जाती है। इस बीच सदन में कांग्रेस सदस्य अभिजीत वंजारी ने नागपुर एमआईडीसी में आवासीय और वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए आरक्षित जमीन पर रासायनिक उद्योग शुरू करने को लेकर सवाल पूछा। इस पर पंकजा ने कहा कि नागपुर एमआईडीसी के मामले की जांच की जाएगी।
नाना पटोले ने विधानसभा में मुख्य सचिव समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ पेश किया विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने बुधवार को विधानसभा के नियम 271 के तहत राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। पटोले ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव (सार्वजनिक निर्माण विभाग) और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) के प्रबंध संचालक ने अनियमित तरीके से एक ब्लैकलिस्ट कंपनी को टोल अनुबंध की अवधि बढ़ाकर राज्य को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया। पटोले के अनुसार, एमएसआरडीसी अंतर्गत मुंबई के प्रवेश रास्तों पर स्थित पांच टोल नाकों (सायन-पनवेल-वाशी, एलबीएस रोड-मुलुंड, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे-मुलुंड, ऐरोली ब्रिज और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे-दहिसर) पर हल्के वाहनों, स्कूल बसों और एसटी बसों को टोल से छूट देने के कारण हुए नुकसान की भरपाई को लेकर 25 जून 2025 को सरकार ने निर्णय लिया। इस निर्णय में कंपनी एमईपी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. को नियमों के खिलाफ अवधि का विस्तार दिया। पटोले का दावा है कि इस निर्णय से राज्य सरकार को करीब 3 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब वरिष्ठ अधिकारियों और कंपनी की मिलीभगत से हुआ है। पटोले ने कहा कि खास बात यह है कि संबंधित कंपनी पहले से ही ब्लैक लिस्ट सूची में दर्ज है, फिर भी उसे अनुचित लाभ पहुंचाया गया। पटोले ने यह भी आरोप लगाया कि 14 अक्टूबर 2024 को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त टोल छूट की भरपाई के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव में भ्रामक और अपूर्ण जानकारी दी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि कैबिनेट नोट में 910.92 करोड़ रुपये का आंकड़ा किस आधार पर दिया गया, इसका कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं है। पटोले ने यह भी मांग की है कि वर्ष 2010 से 2025 तक के टोल वसूली और फ्लाईओवर रखरखाव कार्यों का ऑडिट कराया जाए और भविष्य में टोल वसूली का कार्य स्वयं एमएसआरडीसी को सौंपा जाए, ताकि ठेकेदारों पर निर्भरता कम हो और सरकार को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि पटोले द्वारा पेश किए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की जांच कर उसे विशेषाधिकार हनन कमेटी को भेजा जाएगा।
मुंबई में भूस्खलन से बचाव के लिए 300 करोड़, बीएमसी ने खर्च नहीं किए- राम कदम
मानसून के सीजन में मुंबई में पहाड़ी इलाकों में होने वाले भूस्खलन का मुद्दा बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना (उद्धव) सदस्य सुनील राऊत और भाजपा सदस्य राम कदम ने उठाया। राऊत ने कहा कि विक्रोली पार्क साइट में प्रत्येक वर्ष पहाड़ खिसकने की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती है। भाजपा सदस्य राम कदम ने कहा कि भूस्खलन से बचाव के लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए देने के लिए बीएमसी को आदेश दिया था, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी बीएमसी वह रकम खर्च नहीं कर सकी। इस पर जवाब देते हुए मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की रिपोर्ट के आधार पर जिन क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावनाएं ज्यादा होती हैं वहां पर पहाड़ खिसकने से बचाने के लिए ऊंची दीवारें बनाई जा रही हैं। महाजन ने कहा कि मुंबई में साकीनाका, विक्रोली पार्क साइट, भांडुप, घाटकोपर के अलावा अन्य ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर मानसून के दौरान हर वर्ष भूस्खलन की घटनाएं सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई में 13 जगहों को अतिसंवेदनशील घोषित किया हुआ है, जहां पर जानमाल के नुकसान से बचने के लिए बीएमसी ने ऊंची दीवारें भी बनाई गई हैं। जिससे मानसून के दौरान गिरने वाले पत्थरों को रोका जा सकेगा। वहीं सदस्य राम कदम ने कहा कि मेरा 70 फ़ीसदी पहाड़ी इलाका है। इस पूरे इलाके का 8 साल पहले सर्वे हुआ था। बीएमसी को राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए मेरे क्षेत्र में भूस्खलन रोकने के लिए प्रबंध करने को दिए थे, लेकिन बीएमसी उसमें से एक रुपया भी खर्च नहीं कर पाई। इस पर महाजन ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और भूस्खलन के क्षेत्र का दोबारा सर्वे भी कराया जाएगा।
गैरकानूनी चर्च निर्माण और धर्मांतरण मामलों की होगी उच्चस्तरीय जांच: चंद्रशेखर बावनकुले
नंदुरबार जिले में गैरकानूनी चर्च निर्माण और आदिवासियों के जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। विधानसभा में बुधवार को राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने कहा कि इस तरह के मामलों में शीघ्र और कठोर कार्रवाई की जाएगी। बावनकुले ने यह बयान सदस्य गोपीचंद पडलकर द्वारा उठाए गए प्रश्न के जवाब में दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा कर धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानूनों का अध्ययन किया जाएगा। विधानसभा में पडलकर ने आरोप लगाया कि विशेष रूप से नंदुरबार की नवापूर तहसील में ईसाईयों का धर्मांतरण करा चुके लोगों द्वारा प्रलोभन देकर आदिवासियों और गैर-आदिवासियों का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 150 से अधिक अवैध चर्च ग्राम पंचायत और गृह विभाग की अनुमति के बिना ग्राम भूमि या सरकारी भूमि पर बनाए गई हैं। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि नंदुरबार में बिना अनुमति बनी चर्चों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 5 मई 2011 और 7 मई 2018 के आदेशों के अनुसार ऐसे सभी अवैध निर्माणों को हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी समुदाय की धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन करने और अगले छह महीनों में नंदुरबार जिले के सभी अवैध धार्मिक संरचनाओं का सर्वेक्षण पूरा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
दुर्घटना में जान गंवाने वाले और अपंग हुए 479 विद्यार्थियों को 2 साल से नहीं मिला अनुदान- विश्वजीत कदम
राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12 तक सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में राजीव गांधी विद्यार्थी अपघात योजना के अंतर्गत किसी दुर्घटना में विद्यार्थियों की मृत्यु होने पर या फिर अपंग होने की स्थिति में डेढ़ लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है। लेकिन सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि पिछले 2 साल में किसी भी विद्यार्थी को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सका है। जबकि राज्य सरकार के पास दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले और अपंग हुए 479 विद्यार्थियों का आवेदन लंबित है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य विश्वजीत कदम के सवाल पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि सरकार के पास जो भी आवेदन इस योजना से संबंधित लंबित हैं, उन्हें अगले एक महीने में निपटा दिया जाएगा। भुसे ने कहा कि दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले या फिर शरीर का कोई अंग विक्षत हो जाने वाले विद्यार्थी को अनुदान राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत मिलता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु होने पर विद्यार्थी को डेढ़ लाख रुपए जबकि अपंग होने की स्थिति में एक लाख रूपए दिया जाता है। भुसे न कहा कि दुर्घटना में बच्चों की मौत की भरपाई मुआवजे से नहीं की जा सकती लेकिन राज्य सरकार इसको लेकर भविष्य में कड़े कदम जरूर उठाएगी। सदस्य विश्वजीत कदम और नितिन राऊत ने इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले मुआवजे की राशि 5 से 10 लाख के बीच करने की भी मांग की।
राज्य के जेलों में क्षमता से 12 हजार 343 कैदी अधिक
विधान परिषद में राज्य सरकार ने बताया कि राज्य के 60 जेलों में कुल क्षमता के तुलना में 12 हजार 343 कैदी अधिक हैं। इसके मद्देनजर नए जेल और मौजूदा जेलों में बैरक की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे जेलों की 17 हजार 110 कैदियों को रखने की क्षमता बढ़ जाएगी। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य में कुल 60 जेल हैं। इन 60 जेलों में 27 हजार 184 कैदियों को रखने की क्षमता है। लेकिन मई 2025 तक इन जेलों में कुल 39 हजार 527 कैदी हैं। यानी जेलों में क्षमता के मुकाबले 12 हजार 343 कैदी अधिक हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि मुंबई के आर्थर रोड जेल में 999 कैदियों को रखने की क्षमता है। लेकिन मई 2025 तक इस जेल में 3 हजार 268 कैदी हैं। मुंबई में नया जेल बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू है। फडणवीस ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को दंड और जमानत राशि भरने के लिए भी मदद की जाती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी जेलों में 18 से 30 आयु वर्ग के कैदियों के लिए आवश्यक शिक्षा और सामाजिक जनजागृति के लिए निजी संस्थाओं से करार किया गया है। कैदियों के लिए ई-मुलाकात, टीवी, पीने का पानी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सदन के कांग्रेस सदस्य सतेज पाटील और कांग्रेस सदस्य भाई जगताप ने इस बारे में सवाल पूछा था।
Created On :   9 July 2025 10:23 PM IST