राज्य मंत्रिमंडल बैठक: शिवडी-न्हावाशेवा अटल सेतु पर लगेगा सिर्फ 250 टोल टैक्स, 10 फैसलों को मिली मंजूरी

शिवडी-न्हावाशेवा अटल सेतु पर लगेगा सिर्फ 250 टोल टैक्स, 10 फैसलों को मिली मंजूरी
  • दूध उत्पादकों को प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान की मंजूरी
  • 2005 के पहले के विज्ञापन वाले सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन की विकल्प

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई। जिसमें शिवडी-न्हावाशेवा अटल सेतु की टोल दर, दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर अनुदान और साल 2005 के पहले के विज्ञापन वाले ऐसे सरकारी कर्मचारी, जो सेवा में साल 2005 के बाद जुड़े हैं उनके लिए पुरानी पेंशन योजना का विकल्प देने को मंजूरी प्रमुख हैं।

शिवडी-न्हावाशेवा समुद्र सेतु के लिए टोल दर को मंजूरी

देश के सबसे लंबे अटल बिहारी वाजपेयी समुद्र सेतु पर कारों की एक यात्रा के लिए 250 रुपए की टोल दर वसूलने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 21.8 किलोमीटर लंबे इस सेतु का उद्घाटन 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह सेतु शिवड़ी को न्हावाशेवा से जोड़ेगा। इस सेतु के शुरू हो जाने से दो घंटे की यात्रा करीब 20-25 मिनट में तय हो जाया करेगी।

अटल सेतु की विशेषताएं

- निर्माण में कुल 21 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च

- 15 हजार 100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया

- टोल टैक्स के दर की एक साल बाद फिर से समीक्षा

- 21.8 किलोमीटर लंबा है सेतु

दूध उत्पादक किसानों के लिए बड़ी राहत

दूध उत्पादकों को प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान देने का फैसला गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। कैबिनेट की बैठक के बाद ग्राम विकास मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि अनुदान की रकम राज्य में सहकारी दुग्ध संघों के माध्यम से लागू की जाएगी। सहकारी दुग्ध संघों को किसानों को 3.2 फैट/8.3 एसएनएफ के लिए न्यूनतम 29 रुपए प्रति लीटर का भुगतान बैंक खाते में ऑनलाइन करना होगा। इसके बाद किसानों को सरकार के माध्यम से बैंक खाते में 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से अनुदान ट्रांसफर किया जाएगा। महाजन ने कहा कि नवंबर के आंकड़ों के मुताबिक, 2 महीने के लिए 5 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी के तौर पर 135 करोड़ 44 लाख रुपए की जरूरत होगी। यह योजना 1 जनवरी 2024 से 29 फरवरी 2024 तक लागू रहेगी।

सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का विकल्प

1 नवंबर 2005 के पहले के विज्ञापन के आधार पर प्रदेश सरकार की सेवाओं में 1 नवंबर 2005 अथवा उसके बाद शामिल हुए कर्मियों को अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने का विकल्प मिल सकेगा। जो सरकारी कर्मी छह महीने में पुरानी पेंशन योजना का विकल्प नहीं चुनेंगे ऐसे कर्मियों पर नई परिभाषित अंशदान पेंशन (एनपीएस) योजना लागू रहेगी। पुरानी पेंशन योजना के विकल्प संबंधी फैसले का चार से पांच हजार कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा। महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ के संस्थापक व मुख्य सलाहकार जी डी कुलथे ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में यह जानकारी दी। कुलथे ने कहा कि अधिकारी महासंघ राज्य के 8 लाख कर्मियों को पुरानी पेंशन लागू करने की लगातार मांग कर रहा है। फिर भी हम लोग सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं।

Created On :   4 Jan 2024 3:27 PM GMT

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