बच्चे के जैविक माता-पिता को हाईकोर्ट से राहत, निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार

बच्चे के जैविक माता-पिता को हाईकोर्ट से राहत, निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार
  • अदालत ने बच्चा जैविक माता-पिता को सौंपने का दिया था फैसला
  • बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर 7 जून को आ सकता है फैसला
  • बच्चे के जैविक माता-पिता को हाईकोर्ट से राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई, वरिष्ठ संवाददाता, बॉम्बे हाईकोर्ट से गुरुवार को एक बच्चे को गोद लेने वाले दत्तक माता-पिता को राहत नहीं मिली। अदालत ने उनकी याचिका पर निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में 7 जून को अगली सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की अवकाशकालीन एकल पीठ के समक्ष दत्तक माता-पिता की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में सिटी सिविल कोर्ट के एक आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जैविक माता-पिता की ओर से वकील एडिथ डे और मिखाइल डे ने याचिकाकर्ता की मांग का विरोध किया। पीठ ने सिटी सिविल कोर्ट के एक आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। निचली अदालत ने बच्चे को जैविक माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया है।

क्या है मामला

पिछले दिनों न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष 2 मई को जैविक माता-पिता की वकील एडिथ डे की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई थी। खंडपीठ ने कहा था कि यदि दत्तक माता-पिता दूसरी पीठ से स्थगनादेश (स्टे) प्राप्त करने में विफल रहते हैं, तो सुनवाई की अगली तारीख 7 जून को उचित आदेश पारित किया जाएगा। अदालत ने सिटी सिविल कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट की अन्य पीठ से स्थगनादेश (स्टे) प्राप्त करने के लिए बच्चे को गोद लेने वाले दंपत्ति को पांच सप्ताह का समय दिया था। निचली अदालत ने उन्हें अपने दत्तक बच्चे को उसके जैविक माता-पिता को लौटाने का निर्देश दिया था।

वकील एडिथ डे ने कहा कि निचली अदालत ने दत्तक माता-पिता को बच्चे को जैविक माता-पिता को सौंपने का निर्देश दिया था, तो उसने कुछ हफ्तों के लिए अपने आदेश पर रोक लगा दी थी। उस अवधि समाप्त होने के बाद भी बच्चे को जैविक माता-पिता को नहीं सौंपा गया, तो उन्होंने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। 7 जून को उनकी याचिका पर फैसला आ सकता है।बच्चा पिछले 22 महीनों से दत्तक माता-पिता के पास है। खंडपीठ ने कहा था कि हम स्पष्ट करते हैं कि यदि कोई रोक नहीं मिलती है तो अगली तारीख पर उचित आदेश पारित किया जाएगा। अदालत 7 जून को फिर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगा।

Created On :   25 May 2023 2:46 PM GMT

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