बॉम्बे हाई कोर्ट से रवींद्र वायकर को राहत, बीएमसी के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश

बॉम्बे हाई कोर्ट से रवींद्र वायकर को राहत,  बीएमसी के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश
  • होटल की अनुमति रद्द करने से जुड़ा मामला
  • बॉम्बे हाई कोर्ट से रवींद्र वायकर को राहत
  • बीएमसी के आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकर गुट के विधायक रवींद्र वायकर को राहत मिली है। अदालत ने होटल की अनुमति रद्द करने के बीएमसी के आदेश पर दो सप्ताह के लिए यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश है।

न्यायमूर्ति सुनील शुर्के और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने रवींद्र वायकर के याचिका में दिए गए कुछ बयानों पर आपत्ति जताई और पूछा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण क्यों किया जा रहा है? खंडपीठ ने बीएमसी को वायकर और चार अन्य द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत ने इस मामले को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।

वकील जो.एल.कार्लोस के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि साल 2004 में उन्होंने बीएमसी और 8000 वर्ग मीटर भूमि के मालिकों के साथ 67 फीसदी क्षेत्र को आरक्षण के तहत रखने के लिए एक समझौता किया। इसमें शेष भूमि को विकसित करने की अनुमति दी गई थी।

बीएमसी को 70 फीसदी क्षेत्र सौंपने के बाद उन्हें एफएसआई का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। वाईकर ने दावा किया कि 2020 में उन्होंने यह क्षेत्र बीएमसी को सौंप दिया और नए सिरे से अनुमति के लिए आवेदन किया।

2021 में बीएमसी ने वायकर और अन्य याचिकाकर्ताओं को विकास की अनुमति दी और बाद में उन्हें प्रारंभिक प्रमाणपत्र भी जारी किया। 2022 में बीएमसी के अधिकारियों ने उन्हें सत्यापन के लिए दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था। 15 जून 2023 को उन्हें दी गई अनुमति रद्द कर दी गई। वायकर का दावा है कि बीएमसी ने कानून का पालन नहीं किया गया था। विकास की अनुमति रद्द करने से पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया था।

Created On :   22 Jun 2023 6:37 PM IST

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