- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवक्ता...
उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवक्ता सुधारने क्वालिटी एश्योरेंस सेल का गठन
डिजिटल डेस्क, मुंबई । राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, उसमें एकरूपता लाने और निरीक्षण सुलभ बनाने के लिए राज्य स्तरीय गुणवत्ता एश्योरेंस सेल का गठन किया है। इससे जुड़ा आदेश जारी किया गया है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के परियोजना संचालक को इस 9 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी कॉलेजों के नैक मूल्यांकन बढ़ाने, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का जायजा लेने, गुणवत्ता सुधारने के लिए जरूरी सुझाव देने, नैक मूल्यांकन में कॉलेजों को आ रही परेशानियों को दूर करने आदि की होगी। वहीं उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने भी राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थानों की गिरती रैंकिंग पर चिंता जताई। पाटील ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के ज्यादातर शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग गिरी है। इसमें सुधार और राज्य के भीतर उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने भी अपनी रैंकिंग प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
अगले शैक्षणिक सत्र से सभी संस्थानों में नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति फिलहाल गैरकृषि विश्वविद्यालयों, स्वायत्त कॉलेजों और ऐसे संस्थानों में ही लागू होगी जो इसके लिए तैयार हैं। जबकि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से इसे राज्य के सभी शिक्षा संस्थानों में लागू कर दिया जाएगा। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए गठित संचालन समिति और कुलपतियों के साथ बैठक के बाद पाटील ने मुंबई के सह्याद्री अतिथिगृह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कहा गया है कि वे 30 सितंबर 2023 तक संभावित समस्याओं और समाधान का अध्ययन करें। इसके बाद 31 दिसंबर 2023 तक इसे लागू करने के लिए अंतिम रुपरेखा और उसे अलम में लाने की नीति तैयार कर ली जाएगी और अगले शैक्षणिक सत्र से इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
क्लस्टर होगा कारगर
मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि कॉलेजों के क्लस्टर बनाया जा रहा है इसका फायदा विद्यार्थियों को होगा। इससे कॉलेज संसाधन साझा कर सकेंगे। जिन विषयों की पढ़ाई एक कॉलेज में नहीं होती विद्यार्थी उसे क्लस्टर में शामिल दूसरे कॉलेज में पढ़ सकते हैं। विद्यार्थी के पास पसंद का विषय चुनने के ज्यादा विकल्प होगे। फिलहाल 200 ऑटोनामस कॉलेजों में नए प्रयोग किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में रोजगारपरक विषयों में पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है।
Created On :   10 Jun 2023 6:56 PM IST