नागपुर: लाडली बहनों की सेवा में लगी 610 एसटी बसें, विभाग की 260 और बाहर से बुलाई गईं थीं 350

लाडली बहनों की सेवा में लगी 610 एसटी बसें, विभाग की 260 और बाहर से बुलाई गईं थीं 350
  • बसों को पार्क करने की जगह नहीं
  • जगह जगह ट्रैफिक जाम से परेशान वाहन चालक

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर से गांव तक एसटी बसें प्रति दिन चलतीं हैं, लेकिन यह बसें शहर की सड़कों पर कुछ ही देर रहती हैं। इसके बाद वह हाइवे से यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाती हैं। जिससे कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन शनिवार को लाडली बहन योजना सम्मेलन में महिलाओं को छोटे-छोटे गांवों से यहां तक लाने के लिए कुल 610 बसों ने शहर में दस्तक दी थी। जिससे दिनभर भारी ट्रैफिक जाम बना रहा। वहीं बसों को पार्क करने के लिए भी भारी मशक्कत चलती रही।

शनिवार को जिलास्तर पर लाडली बहन योजना का सम्मेलन आयोजन किया था। जिसके लिए जिले के छोटे-छोटे गांव से महिलाओं को रेशीमबाग तक लाने के लिए सरकार ने एसटी बसों को हायर किया था। ऐसे में एसटी महामंडल ने कुल 610 बसें लाडली बहनों की सेवा में लगाई थी। जिसमें 260 नागपुर विभाग, वहीं 350 बसों को बाहर से बुलाया गया था। सम्मेलन का आयोजन दोपहर 2 से 5 बजे के बीच किया गया था। ऐसे में सुबह 11 बजे से ही शहर में बसों का आना शुरू हो गया था। जिससे जगह जगह पर भारी ट्रैफिक जाम होते रहा। इससे छोटे वाहन धारक भी परेशान होते रहे।

सैकड़ों किलोमीटर एसटी का सफर रद्द

जिले के भीतर आनेवाले दर्जनों गांव से शहर तक महिलाओं को लाने के लिए एसटी महामंडल की बसें लगाई गईं थीं। जिसके कारण नियमित चलनेवाली बसों की संख्या में कमी आई थी। परिणामस्वरुप एसटी को नियमित चलनेवाली बसों की फेरियों को रद्द किया गया। जिसमें नागपुर से अमरावती, चंद्रपुर, बल्लारशाह, नांदेड, काटोल, रामटेक आदि जगह जानेवाली बसों के शेडुल कम किये गये। इस मामले में यात्रियों को घंटों बसों के इंतजार में भी बस स्टैंड पर खड़ा रहना पड़ा।

डिपो में सन्नाटा

एसटी महामंडल के बस स्टैंड पर प्रति दिन बड़ी संख्या में बसों का आवागमन होते रहता है। लेकिन शनिवार को बसों की संख्या कम रहने से सन्नाटा नजर आया।


Created On :   31 Aug 2024 6:24 PM IST

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