विवाद: दीक्षाभूमि की अंडरग्राउंड पार्किंग को लेकर चल रहे विवाद पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

दीक्षाभूमि की अंडरग्राउंड पार्किंग को लेकर चल रहे विवाद पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
  • हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दिये आदेश
  • स्वास्थ्य विभाग और कपास अनुसंधान की जमीन मांगी जा रही
  • दायर की गई है जनहित याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दीक्षाभूमि की अंडरग्राउंड पार्किंग को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 16.44 एकड़ और कपास अनुसंधान संस्थान की 3.84 एकड़ जमीन दी जाए, यह अनुरोध करते हुए एड. शैलेश नारनवरे ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अर्जी दायर की है। इस मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को दीक्षाभूमि के लिए जमीन देने पर स्पष्टीकरण मांगते हुए 4 सप्ताह में जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

जनहित याचिका दाखिल की है : शेगांव मंदिर की तर्ज पर विकास योजना तैयार करते हुए दीक्षाभूमि को धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य सुविधाओं और पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका एड. नारनवरे द्वारा नागपुर खंडपीठ में दाखिल है। अब इस याचिका में एड. नारनवरे ने अर्जी दायर करते हुए स्वास्थ्य विभाग और कपास अनुसंधान संस्थान की जमीन दीक्षाभूमि को देने की मांग की है। यह दोनों संबंधित जमीन दीक्षाभूमि के पास ही है।

विवाद सुलझ जाएगा : डॉ. बाबासाहब अांबेडकर स्मारक समिति ने 3 नवंबर 2015 को राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपकर इन जमीनों को दीक्षाभूमि के लिए अधिगृहीत करने की मांग की थी। साथ ही इस संबंध में समय-समय पर रिमाइंडर भी भेजे गए। हालांकि, अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यदि ये जमीनें दीक्षाभूमि को दे दी जाएं, तो अंडरग्राउंड पार्किंग विवाद सुलझ जाएगा और आंबेडकरी नागरिकों की भावनाएं शांत हो जाएंगी, यह अनुरोध अर्जी में किया गया है। इस मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। इस मामले में 7 अगस्त को अगली सुनवाई रखी गई है। याचिकाकर्ता एड. शैलेश नारनवरे ने खुद पक्ष रखा। एनएमआरडीए की आेर से एड. गिरीश कुंटे ने पैरवी की।

Created On :   11 July 2024 7:56 AM GMT

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