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छलका दर्द: अजित बोले - बारामती के लोगों को दूसरा विधायक मिलना चाहिए, आव्हाड ने ली चुटकी
- परिवार में फूट पर अजित का छलका दर्द
- मैंने जो किया वह गलत था
- अजित ने बारामती से चुनाव नहीं लड़ने के फिर दिए संकेत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। राकांपा (अजित) प्रमुख अजित पवार भी चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं। इसी बीच अजित ने रविवार को बारामती से आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दिए हैं। अजित ने बारामती में जनता दरबार में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बारामतीकरों को मेरे अलावा कोई और विधायक भी मिलना चाहिए। ऐसे में अजित पवार के बयान के बाद बहस शुरू हो गई है कि बारामती से अब अजित किसे चुनाव मैदान में उतारेंगे।
अजित ने कहा कि राज्य में जल्द ही चुनाव की घोषणा होगी। पिछली सरकार साल 2019 में 26 नवंबर को बनी थी। इसलिए नियम के मुताबिक नई सरकार का गठन 26 नवंबर तक हो जाना चाहिए। हालांकि केंद्रीय चुनाव आयोग राज्य में कब चुनाव कराएगा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। अजित ने कहा कि मैंने बारामती का व्यापक विकास किया है और राज्य में सबसे ज्यादा फंड भी बारामती को दिया है। मैं कभी-कभी सोचता हूं कि बारामती के लोग इतना काम करने के बाद भी अलग निर्णय ले सकते हैं। मुझे राजनीति में 33-34 साल हो गए हैं। मैं अपने राजनीतिक करियर से संतुष्ट हूं। अब मैं 65 साल का हो गया हूं। इसलिए बारामती के लोगों को मेरे अलावा कोई और विधायक मिलना चाहिए। फिर आप मेरे अभी तक के करियर और उस आदमी के करियर की तुलना करना।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अजित ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती सीट से अपनी बहन सुप्रिया सुले के सामने चुनाव मैदान में उतारा था। जिसमें सुनेत्रा को हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में सुप्रिया को अजित पवार के विधानसभा क्षेत्र बारामती में सबसे ज्यादा वोट मिले थे। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कहीं लोकसभा चुनाव की पुनरावृत्ति न हो जाए, इसलिए अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ने के इच्छुक दिखाई नहीं दे रहे हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले ऐसी भी चर्चा थी कि अजित अपनी सीट बारामती से अपने बेटे जय पवार को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं।
परिवार में फूट पर अजित पवार का छलका दर्द, मैंने जो किया वह गलत था
करीब एक साल पहले अजित पवार ने शरद पवार से बगावत कर पार्टी के 40 विधायकों को तोड़कर राज्य की शिंदे-फडणवीस में सरकार में शामिल हो गए थे। इसे पवार परिवार में बड़ी फूट माना गया था। इसको लेकर अब अजित का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने अनुभव किया है कि परिवार में फूट समाज को पसंद नहीं है। इस संबंध में मैंने अपनी गलती भी मान ली है। अजित ने यह बयान अपनी पार्टी के मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम के बयान पर दिया। दरअसल आत्राम की बेटी ने अपने पिता के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। जिस पर आत्राम ने अपनी बेटी को नदी में फेंकने की बात कही थी। अजित ने आगे कहा कि किसी भी बेटी को उसका पिता सबसे ज्यादा प्यार करता है और अगर वह बेटी अपने पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो तो फिर पिता का नाराज होना स्वाभाविक है।
अजित पवार के बयान पर चुटकी
राकांपा (शरद) विधायक एवं पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने अजित पवार के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा है कि उन्हें नहीं लगता है कि अजित पवार बारामती से चुनाव नहीं लड़ेंगे। आव्हाड ने कहा कि अजित दादा सिर्फ जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं।
Created On :   8 Sept 2024 9:12 PM IST