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याचिका में आरोप - मात्र 300 रुपए मानधन पर कानून पढ़ा रहे शिक्षक
- शिक्षा गुणवत्ता कैसे सुधरेगी
- हाई कोर्ट ने बार कौंसिल समेत अन्य से 27 सितंबर तक मांगा जवाब
- शिक्षा की गुणवता बढ़ाने को लेकर हाई काेर्ट में जनहित याचिका
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ से संलग्न विधि महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवता बढ़ाने को लेकर हाई काेर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट में दो सदस्यों की खंडपीठ में न्यायमूर्ति अतुल चांदूरकर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी ने प्रतिवादियों से 27 सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस मामले में विद्यापीठ अनुदान आयोग, राज्य के उच्च एवं तंत्र शिक्षा विभाग के सचिव, बार कौंसिल आफ इंडिया समेत, रातुम नागपुर विद्यापीठ के कुलसचिव और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय के प्राचार्य समेत अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है।
हाई कोर्ट में खामला के सेवानिवृत्त अभियंता अशोक करंदीकर द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि बार कौंसिल आफ इंडिया ने सभी विधि महाविद्यालयों में विधि शिक्षा नियम-2008 को लागू किया है, लेकिन नियमों का कड़ाई से पालन नहीं होने से विधि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं आ रहा है। अब भी कई विधि महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। ऐसे में ठेका पद्धति पर अनुबंध कर अस्थायी शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। शहर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय में अब भी 300 रुपए मानधन पर शिक्षक कार्यरत हैं। यही वजह है कि विधि शिक्षा का स्तर गिर रहा है। याचिका में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करने की मांग की गई है। हाई कोर्ट ने विद्यापीठ अनुदान आयोग, राज्य के उच्च एवं तंत्रशिक्षा विभाग के सचिव, बार कौंसिल आफ इंडिया समेत, रातुम नागपुर विद्यापीठ के कुलसचिव और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय के प्राचार्य को 27 सितंबर तक जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
Created On :   10 Sept 2023 3:59 PM IST