Nagpur News: एलिमेंट्री, इंटरमीडिएट परीक्षा शुल्क हुए दोगुने, छात्रों में तीव्र नाराजगी का माहौल

एलिमेंट्री, इंटरमीडिएट परीक्षा शुल्क हुए दोगुने, छात्रों में तीव्र नाराजगी का माहौल
  • राज्य कला अध्यापक महामंडल का विरोध
  • एलिमेंट्री, इंटरमीडिएट परीक्षा शुल्क हुए दोगुने

Nagpur News. महाराष्ट्र कला शिक्षा मंडल द्वारा हर वर्ष आयोजित की जाने वाली एलिमेंट्री और इंटरमीडिएट सरकारी रेखा कला परीक्षा के शुल्क में इस वर्ष दोगुनी वृद्धि का विरोध किया जा रहा है। पिछले वर्ष एलिमेंट्री परीक्षा के लिए केवल 50 रुपये और इंटरमीडिएट के लिए 100 रुपये शुल्क था। लेकिन इस वर्ष इसे क्रमशः 100 रुपये और 200 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि अचानक और बिना किसी पूर्व सूचना के होने के कारण छात्रों में तीव्र नाराजगी का माहौल है।

परीक्षा शुल्क की दोगुनी वृद्धि के फैसले का महाराष्ट्र राज्य कला अध्यापक संघ महामंडल ने जमकर विरोध किया है। महामंडल के राज्याध्यक्ष नरेंद्र बारई ने मांग की है कि इस अन्यायपूर्ण वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए। इसके लिए महाराष्ट्र राज्य कला शिक्षा मंडल, मुंबई के साथ आधिकारिक पत्राचार शुरू करने की बात भी उन्होंने कही। छात्रों के हित ध्यान में लेते हुए कला शिक्षा मंडल को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ निर्णय लेना चाहिए था, इस बात पर भी संगठन ने जोर दिया।

इसके अलावा संगठन ने शिक्षा मंडल के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि, पिछले दो वर्षों से छात्रों को ऑफलाइन प्रमाणपत्र भी नहीं दिए जा रहे हैं और परीक्षा की प्रश्नपत्रिका भी ईमेल के माध्यम से भेजी जा रही हैं। ऐसे में यह बढ़ा हुआ शुल्क क्यों वसूला जा रहा है, यह और भी चिंताजनक बन गया है। छात्रों के अधिकार, अवसर और आर्थिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, सरकार और कला शिक्षा मंडल इस निर्णय पर पुनर्विचार करे यह मांग भी संगठन ने की है।

ग्रामीण के छात्र हो सकते है वंचित

संगठन ने यह भी कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए इस परीक्षा का लाभ उठाना मुश्किल हो जाएगा। विशेष रूप से गांवों की स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह शुल्क वृद्धि कई उत्साही छात्रों को इस परीक्षा से वंचित कर सकती है। इसके अलावा, इस परीक्षा के लिए आवश्यक रंग और सामग्री खरीदने में भी काफी राशि खर्च होती है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को परीक्षा केंद्र तक आने-जाने में रोजाना का खर्च भी वहन करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कई छात्र अपनी रुचि के विषय की परीक्षा से वंचित रह सकते हैं।

Created On :   22 July 2025 8:27 PM IST

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