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Nagpur News: दहेगांव-गौरी कोयला खदान की जनसुनवाई रोकी, अधिकारियों को भीड़ ने घेरा

- हजारों लोगों ने विरोध करते हुए नारेबाजी की
- पुलिस का रहा तगड़ा बंदोबस्त
Nagpur News दहेगांव-गौरी प्रस्तावित कोयला खदान की पर्यावरणीय जनसुनवाई जनता के कड़ा विरोध करने पर रोकनी पड़ी। बुधवार को प्रस्तावित खदान स्थल पर वलनी में सुनवाई रखी गई थी। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल प्रादेशिक अधिकारी हेमा पांडे, उपक्षेत्रीय अधिकारी धनश्री पाटील, निवासी उपजिलाधिकारी अनूप खांडे सुनवाई के लिए पहुंचे। सुनवाई स्थल पर हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय ने विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। उसके बाद जनसुनवाई के लिए दाखिल हुए अधिकारी मंच पर चढ़े और जनसुनवाई रद्द करने की घोषणा कर दी। इस दौरान विधायक समीर मेघे, ग्रामीण भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर कुंभारे, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव पोतदार, कांग्रेस की नेता कुंदा राऊत, पियूष बरडे आदि उपस्थित थे।
जनता का आक्रोश बढ़ता गया : जनसुनवाई स्थल पर परिसर के हजारों नागरिक उपस्थित थे। प्रस्तावित कोयला खदान के विरोध में नारे लगाए गए। सुरक्षा के लिए कड़ा बंदोबस्त तैनात किया गया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल म्हस्के, कलमेश्वर के थानेदार मनोज कालबांडे मौजूद थे। जनता का आक्रोश बढ़ता देख प्रशासन भी घबरा गया। कोई अप्रिय घटना न हो जाए, इस डर से जनसुनवाई रद्द किए जाने की घोषणा की गई। कांग्रेस की कुंदा राऊत ने कहा कि प्रशासन जनसुनवाई रद्द की घोषणा कर निकलने की फिराक में था। उन्हें रोक कर जनता की आवाज का पक्ष सुनने के लिए बाध्य किया गया। उसके बाद जनता का कोयला खदान को विरोध दर्ज किया गया।
कंपनी का दावा : अंबुजा सीमेंट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन का दावा है कि प्रस्तावित दहेगांव-गौरी कोयला खदान की जनसुनवाई पूरी हुई। स्थानीय नागरिकों ने खुलकर समर्थन किया। खदान खुलने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजन होंगे। कंपनी सामुदायिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
अंबुजा सीमेंट लि. को खदान का दायित्व : केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना में अंबुजा सीमेंट लिमिटेड को वलनी में प्रस्तावित कोयला खदान के विकास का दायित्व दिया गया है। उसे स्थानीय नागरिक, जनप्रतिनिधि तथा स्थानीय निकाय संस्थाओं का विरोध है। जनता का पक्ष सुनने के लिए कोयला खदान के प्रस्तावित स्थल वलनी में बुधवार को पर्यावरणीय जनसुनवाई रखी गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि कोयला खदान शुरू होने पर वलनी, गोवारी, सिंधी, खैरी, टोंडाखैरी, खंडाला, बोरगांव खुर्द, बेलोरी, झुनकी, पारडी आदि गांव प्रभावित होने का खतरा मंडरा रहा है।
Created On :   11 Sept 2025 12:59 PM IST