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Nagpur News: जीवन उद्देश्यपूर्ण ढंग से जीने के लिए है, आत्महत्या के लिए नहीं - डॉ. सुबोध बंसोड, निकाली जागरुकता रैली

- विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर जागरूकता रैली
- साइकोलॉजी विभाग की ओर से जनजागृति कार्यक्रम आयोजित
Nagpur News. विश्वविद्यालय के साइकोलॉजी विभाग की ओर से विश्व आत्महत्या निवारण दिवस पर एक दिवसीय जनजागृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने हाथों में संदेश लिखी तख्तियां लेकर पूरे कैंपस में रैली निकाली और आत्महत्या जैसी सामाजिक समस्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। इस मौके पर साइकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुबोध बंसोड ने कहा “जीवन का उद्देश्य जीना है, आत्महत्या करना नहीं। किसानों की आत्महत्या हो या युवाओं में असफल प्रेम के कारण उठाए गए कदम, यह समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है।”
डॉ. विवेक बांबल ने कहा – “आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं दिल दहलाने वाली हैं। इनका सबसे ज्यादा असर युवाओं पर पड़ रहा है, इसलिए इस पर समाज को एकजुट होकर काम करना होगा।”
रैली का आयोजन
10 सितंबर को आयोजित रैली कैंपस के विभिन्न विभागों से होते हुए कैंटीन परिसर में समाप्त हुई। इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भाग लिया। रैली के समापन पर मानव्यशास्त्र विभाग के अधिष्ठाता डॉ. श्यामराव कोरेटी, डॉ. विवेक बांबल सहित आकाश सेवतकर, डॉ सुरेंद्र कुमार और अन्य फैकल्टी सदस्य और कर्मचारी उपस्थित रहे।
रैली का संदेश
- जीवन चुनौतियों से भरा होता है, लेकिन हर समस्या का समाधान है।
- आत्महत्या किसी भी सवाल का जवाब नहीं।
- अगर आप परेशान हैं, तो बात करें, मदद लें, और दूसरों के लिए सहारा बनें।
- याद रखिए – “जीवन ईश्वर का दिया अनमोल उपहार है। इसे संवारना हमारा कर्तव्य है, समाप्त करना नहीं।”
तत्काल मदद के लिए इन बिन्दुओं का ख्यान रखें....
सुसाइड और क्राइसिस हॉटलाइन पर कॉल या टेक्स्ट करें: यह एक संकटकालीन हेल्पलाइन है, जहाँ आप किसी प्रशिक्षित पेशेवर से बात कर सकते हैं।
परिवार या दोस्तों से बात करें: किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें। अपने मन की बात साझा करने से बहुत राहत मिल सकती है।
सुरक्षित जगह पर जाएं: अगर आप खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो किसी सुरक्षित जगह पर जाएँ, जैसे किसी दोस्त या परिवार के घर।
दीर्घकालिक उपाय
- मनोचिकित्सक या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलें।
- एक निश्चित दिनचर्या का पालन करें। यह आपके जीवन में स्थिरता और नियंत्रण की भावना वापस ला सकता है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें: पर्याप्त नींद लें, पौष्टिक भोजन खाएँ और नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम करने से एंडोर्फिन निकलता है, जो तनाव को कम करता है।
- नए शौक अपनाएँ या स्वयंसेवा करें। यह आपको जीवन में एक नई दिशा और उद्देश्य दे सकता है।
- जब नकारात्मक विचार मन में आएं, तो उन्हें पहचानें और उन्हें सकारात्मक विचारों से बदलने की कोशिश करें।
Created On :   10 Sept 2025 6:33 PM IST












