Nagpur News: फोन टैपिंग का मामला , पटोले की मानहानि याचिका खारिज

फोन टैपिंग का मामला , पटोले की मानहानि याचिका खारिज
  • कोर्ट से रश्मि शुक्ला को राहत
  • पुलिस में तबादलों से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की लीक का मामला

Nagpur News नागपुर की सिविल कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की ओर से राज्य की पूर्व पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला के खिलाफ 500 करोड़ रुपए की मानहानि मुकदमे को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 2014-19 के दौरान गृहमंत्री थे, उस समय शुक्ला ने विपक्षी दलों के राजनेताओं के फोन टैप किए थे, ऐसे आरोप शुक्ला पर लगे थे। इस मामले में पटोले की मानहानि याचिका कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। इससे शुक्ला को बड़ी राहत मिली है। जॉइंट सिविल जज सीनियर डिवीजन आनंद एस. मुंडे ने यह फैसला दिया।

दावा गुणवत्ताहीन : 2019 में शुक्ला राज्य गुप्तचर विभाग की प्रमुख रहते हुए पुलिस में तबादलों से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की लीक और फोन टैपिंग का मुद्दा सामने आया था। देवेंद्र फडणवीस पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, उस समय शुक्ला ने भाजपा के कहने पर यह फोन टैपिंग की थी, ऐसे आरोप लगे थे। इस पर विधानसभा में भी काफी हंगामा हुआ था। अंततः पुणे पुलिस ने शुक्ला पर मामला और उनके बयान दर्ज किए गए। उनकी महाराष्ट्र से दूसरे राज्य में तबादला भी किया गया था। इसी दौरान कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष पटोले ने भी भाजपा और शुक्ला पर आरोप लगाए थे। भाजपा के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार ने राजनीतिक उद्देश्य से उनके खिलाफ साजिश रची थी, शुक्ला ने उनका भी फोन टैप किया था और उनकी बदनामी हुई है, ऐसा आरोप करते हुए पटोले ने शुक्ला पर 500 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा ठोका था। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर यह दावा गुणवत्ताहीन बताकर इसे खारिज कर दिया। पटोले की ओर से एड. अमोल पाटने और शुक्ला की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ तथा नागपुर खंडपीठ के मुख्य सरकारी वकील देवेंद्र चौहान ने पैरवी की।

न्यायालय का निरीक्षण

शुक्ला पर दर्ज हुए मामलों के आधार पर यह मानहानि का दावा किया गया था।

शुक्ला पर दर्ज मामला आगे रद्द हो गया।

केवल मामला दर्ज होने से पटोले की मानहानि हुई, यह साबित नहीं होता।

दर्ज हुए मामले में पटोले का नाम भी नहीं है। उन पर मामला भी दर्ज नहीं हुआ, इसलिए उनकी मानहानि हुई, इसका कोई प्रमाण नहीं है।

कई बार अवसर देने के बावजूद पटोले ने प्रमाण पेश नहीं किए।

यह शिकायत बिना प्रमाण के आरोप हैं।


Created On :   11 Sept 2025 1:13 PM IST

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