Nagpur News: मेलघाट से गढ़चिरोली तक नागपुर एम्स की डिजिटल सेवा, मिल रही चिकित्सा सुविधा

मेलघाट से गढ़चिरोली तक नागपुर एम्स की डिजिटल सेवा, मिल रही चिकित्सा सुविधा
  • नवजात से लेकर बुजुर्गों तक को मिल रही चिकित्सा सुविधा
  • मेलघाट से गढ़चिरोली तक नागपुर एम्स की डिजिटल सेवा
  • सर्वोत्तम स्वास्थ्य पहल के रुप में प्रस्तुति

Nagpur News. राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुधार की दिशा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर ने अभिनव पहल की है। मेलघाट से गढ़चिरोली तक डिजिटल तकनीक से नवजात से लेकर बुजुर्गों तक को चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। इसका सकारात्मक असर दिखाई देने लगा है। मेलघाट के धारणी से लेकर गढ़चिरोली और रामटेक के गांवों तक एम्स की टीम ने चिकित्सा सेवा शुरु कर दी है।

मेलघाट में टेली-एसएनसीयू शुरु

एम्स नागपुर ने मेलघाट के धारणी स्थित उपजिला अस्पताल में टेली-स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (टेली-एसएनसीयू) की शुरुआत की है। यह टेलीमेडिसिन आधारित हब एंड स्पोक मॉडल है। जो एम्स नागपुर के नवजात विशेषज्ञों को सीधे धारणी की एसएनसीयू से जोड़ता है। इस मॉडल में 360 डिग्री कैमरे, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरण और रीयल टाइम डैशबोर्ड (आरटीडी) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स नवजातों की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन कर रिमोट परामर्श और प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस प्रकल्प का नेतृत्व डॉ. निशांत बानाईत कर रहे हैं। इसके लिए पथ नामक स्वास्थ्य संस्था का सहयोग मिल रहा है। यह मॉडल अब गढ़चिरोली और नंदुरबार जिलों में भी विस्तार पा रहा है।

प्रयास से नई उपलब्धियां

  • नवजात मृत्यु दर में 50% की कमी।
  • सेप्सिस (संक्रमण) से मृत्यु दर में गिरावट।
  • कम वजन वाले शिशुओं के जीवन दर में बढ़ोतरी।
  • गडचिरोली में बीमारियों की रोकथाम के लिए केंद्र

एम्स द्वारा गडचिरोली में रोग निदान केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यहां गर्भवती महिलाओं की सिकलसेल और थैलेसीमिया के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही नवजातों में पांच प्रमुख मेटाबोलिक विकारों की भी जांच की जाएगी। यह कदम आदिवासी समुदाय में अनुवांशिक बीमारियों की तत्काल पहचान और रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

रामटेक में गैरसंचारी रोगों की व्यापक जांच

एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने रामटेक ब्लॉक के 60 गांवों में करीब 45,000 लोगों को कवर करते हुए गैरसंचारी रोगों की स्क्रीनिंग की। यह रोग मधुमेह व उच्च रक्तदाब है। 30 वर्ष से अधिक आयु के 5000 से अधिक लोगों की जांच में 1,750 नए मरीज चिह्नित किए गए। उल्लेखनीय है कि 900 से अधिक मरीज अब निजी अस्पताल छोड़कर सरकारी स्वास्थ्य सेवा की ओर लौटे हैं।

सर्वोत्तम स्वास्थ्य पहल के रुप में प्रस्तुति

डॉ. प्रदीप देशमुख के मार्गदर्शन में इस प्रकल्प का नेतृत्व डॉ. कलैसेल्वी एस. कर रहे हैं। गौरतलब है कि एम्स नागपुर की टेली-एसएनसीयू पहल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने सराहना की है। इसे ‘कन्क्लेव ऑफ गुड प्रैक्टिसेस’ में देश की सर्वोत्तम स्वास्थ्य पहल के रूप में प्रस्तुत किया गया । इस विशेष आयोजन की मेजबानी एम्स नागपुर ने की। जिसमें देशभर के एम्स संस्थानों के कार्यकारी निदेशक शामिल हुए। नागपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. पी.पी. जोशी ने बताया कि आदिवासी समुदायों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाकर उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं देने के लिए डिजिटल तकनीक एक अभिनव पहल है।

Created On :   22 July 2025 7:26 PM IST

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