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गए तो वापस नहीं लौटे मुख्यमंत्री और न ही उपमुख्यमंत्री पवार आए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पहली बार महाराष्ट्र के दौरे पर नागपुर पहुंचीं। महाराष्ट्र में पहली बार पधारने पर मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राष्ट्रपति का स्वागत करने नागपुर विमानतल पर पहुंचे। सभी ने उनका पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया, लेकिन विमानतल से जैसे ही राष्ट्रपति राजभवन की ओर रवाना हुईं, मुख्यमंत्री ने मुंबई के लिए तुरंत उड़ान भर ली। राज्य में राजनीतिक हलचलों के बीच उनका मुंबई जाना अति-महत्वपूर्ण माना गया। इसके लिए अलग-अलग कयास भी लगाए गए। हालांकि उम्मीद जताई जा रही थी कि वे बुधवार को नागपुर वापस लौटकर राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होंगे और फिर मुंबई लौट जाएंगे, लेकिन मुंबई के लिए उड़ान भरने के बाद वे वापस नहीं लौटे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी नागपुर नहीं पहुंचे। उनका मुंबई में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक थी। राजनीतिक उठापटक के बीच उनके लिए इस बैठक में रहना आवश्यक था। ऐसे में पूरा दारोमदार उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर रहा। राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर उनका गड़चिरोली और नागपुर दोनों जगह कार्यक्रम में हाजिरी लगाई।
इसके पहले भी हो चुके हैं अनेक घटनाक्रम
हालांकि राष्ट्रपति के दौरे के समय मुख्यमंत्री का अनुपस्थित रहना कोई नई बात नहीं है। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में इससे पहले अनेक कार्यक्रम हुए। 1993 में सुधाकरराव नाईक मुख्यमंत्री थे और शरद पवार गुट ने उनके खिलाफ विद्रोह शुरू किया था। अचानक मुंबई में राजनीतिक हलचलों में तेजी आई थी। उसी समय राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा नागपुर दौरे पर थे। तब राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में एक कैबिनेट मंत्री सहभागी हुए थे। 1987 में आर. वेंकटरमण राष्ट्रपति होने पर भी इस तरह का घटनाक्रम हुआ था। आर. वेंकटरमण का कार्यक्रम नागपुर के सरस्वती महाविद्यालय में था। शिष्टाचार के रूप में मुख्यमंत्री की उपस्थिति अपेक्षित थी, लेकिन आवश्यक नहीं। सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अन्य मंत्री शामिल हुए थे।
Created On :   6 July 2023 3:59 PM IST