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दबिश: मनपा का खेल, एक तरफ नकेल, दूसरी तरफ मेल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से पीओपी मूर्तियों को पूरी तरह से पाबंद करने की घोषणा की गई है। शहर में पीओपी की मूर्तियों की बिक्री अथवा लाने वालों पर 10 हजार रुपए दंड की ताकीद भी दी गई है, लेकिन अब भी शहर में बड़े पैमाने पर पीओपी की मूर्तियां पहुंच रही है। इस साल ऊंचाई को लेकर कोई भी पाबंदी नहीं होने से विक्रेताओं ने पीओपी मूर्तियों को लाना आरंभ कर दिया है। इन विक्रेताओं का तर्क है कि मनपा के 10 हजार रुपए के दंड को भुगतान करने पर भी मुंहमांगे दाम में बिक्री होने से लाभ होगा। शहर के भावसार चौक सहित मध्य नागपुर के कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी पीओपी की मूर्तियों को उतारते हुए कैमरे में कैद किया गया है। हैरानी यह है कि मनपा का कोई भी कर्मचारी अब तक नहीं पहुंच पाया है।
टास्क फोर्स का पता नहीं : करीब एक माह पहले पांरपारिक मूर्तिकारों के साथ घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष ने बैठक ली थी। बैठक में गणेशोत्सव के एक माह पहले टास्क फोर्स बनाकर शहर में आनेवाली मूर्तियों को रोककर कार्रवाई करने की घोषणा भी की गई थी, लेकिन गणेशोत्सव को महज 10 दिन रहने के बाद भी टास्क फोर्स दिख नहीं रहा।
कोराड़ी में विसर्जन से सुविधा : पारंपारिक मूर्तिकारों की ओर से अब भी मिट्टी की मूर्तियों को तैयार कर बिक्री करने का प्रयास हो रहा है। महंगाई में दामों के बढ़ने के साथ ही मनपा की आर्थिक दंड की कार्रवाई को लेकर डर है, लेकिन विशुद्ध रूप से मुंबई और अहमदाबाद से पीओपी की मूर्तियों को लाकर बिक्री करने वाले मौसमी मूर्ति विक्रेताओं की ओर से मनपा की कार्रवाई को धता बताया जा रहा है। बड़ी मूर्तियों के कोराड़ी में विसर्जन के चलते अंतिम समय तक पीओपी की मूर्ति होने की शिनाख्त नहीं होने का तर्क दिया जा रहा है।
Created On :   12 Sept 2023 3:20 PM IST