पद भर्ती घोटाले का मामला रद्द नहीं होगा : हाईकोर्ट

पद भर्ती घोटाले का मामला रद्द नहीं होगा : हाईकोर्ट
17 वर्षों से चल रहा है मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल में वर्ष 2004 में हुए पद भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन विभागीय नियंत्रक किशन राठौड़ को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राहत देने से इनकार किया है। नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान चयन समिति की अध्यक्षता कर रहे राठौड़ समेत अन्य अधिकारियों पर राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार का आपराधिक मुकदमा दायर किया है, इसे खारिज करने से हाई कोर्ट ने साफ इनकार किया है। हालांकि हाई कोर्ट ने 17 वर्षों से निचली अदालत में विचाराधीन इस मुकदमे पर निचली अदालत काे 1 वर्ष के भीतर फैसला देने का भी आदेश दिया है।

यह था मामला : सरकारी पक्ष के अनुसार वर्ष 2004 में किशन राठौड़ महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल में यवतमाल के विभागीय नियंत्रक, विभूति देवनाथ अभियंता और हिरामन गट्टे यातायात निरीक्षक पद पर कार्यरत थे। महामंडल द्वारा रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आयोजित की गई थी। राठौड़ को इस चयन समिति का अध्यक्ष और अन्य दो आरोपियों को इस समिति का सदस्य बनाया जा गया था। प्रवेश परीक्षा के आधार पर चयनित कुल 267 उम्मीदवारों में से चयन समिति ने 169 उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए चयनित किया, लेकिन इस चयन प्रक्रिया में समिति ने भारी गड़बड़ी की। योग्य उम्मीदवारों को कम अंक देकर कुछ अयोग्य उम्मीदवारों को ज्यादा अंक प्रदान करके उनकी सहायता की। इस आधार पर राज्य सरकार ने तीनों पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करके निचली अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत की। मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन ही था कि राठौड़ पद से सेवानिवृत्त हो गए और देवनाथ तथा गट्टे का निधन हो गया। मामला खारिज करने के लिए राठौड़ ने हाई कोर्ट की शरण ली। मामले में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूतों को देखते हुए हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार किया है।

Created On :   2 Aug 2023 2:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story