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दैनिक भास्कर का उपक्रम: शक्ति की आराधना, भक्ति की अभिव्यक्ति है रास गरबा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गरबा नृत्यशैली मन मेंे अध्यात्मिक आनंद का संचार करती है। ऐसा लगता है मानो समूचा विश्व नृत्य करते हुए दैवीय शक्तियों का आह्वान कर रहा है। नृत्य करते लाेगों में सब कुछ भुला बैठने का भाव होता है। जैसे-जैसे गरबा तेज होता है, ढोलक की गूंजती थाप, शरीर में नई चेतना का संचार करती प्रतीत होती है। समूचा शरीर संगीत की लय में थिरकने लगता है। इस अभूतपूर्व आनंद और भक्ति के समागम का रसास्वादन करने के लिए भास्कर गरबा प्रशिक्षण कार्यशाला एवं महोत्सव का इंतजार रहता है। भास्कर गरबा वर्कशॉप में गरबा का प्रशिक्षण लेने भीड़ उमड़ने लगी है। ईश्वरीय आराधना में प्रस्तुत चर्चित भजन और गीत रामजी की निकली सवारी, गोविंदा आला रे आला, बुमरो-बुमरो श्याम रंग बुमरो, हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम आदि की गूंज ने नर्तकों को भाविभाेर किया। नृत्य गुरु राजेंद्र सचानिया ने कहा कि युवाआें में गरबा सीखने को लेकर भारी उत्साह है।
वाराणसी से आई हूं : मैं गरबा सीखने के लिए वाराणसी से आई हूं। प्रशिक्षण कार्यशाला में गरबा की अलग-अलग स्टेप्स सीखना चाहती हूं। मुझे संगीत व नृत्य का शौक है। संगीत सुनकर मैं अपने आपकों नृत्य करने से रोक नहीं पाती हूं। -आकांक्षा रघुवंशी, वाराणसी
डांस करना पसंद है : मैं अपनी सहेलियों के साथ यहां आई हूं। नृत्य गुरु नए-नए स्टेप्स सिखा रहे हैं। बेहद अच्छा लग रहा है। डांस करने में मजा आ रहा है। इस बार नवरात्रोत्सव अधिक उत्साह से मनाया जाएगा, जिसमें हम पूरे ग्रुप के साथ गरबा नृत्य करेंगे। -दीप ठाकुर, वर्धमान नगर
9 साल से आ रही हूं : मैं पिछले 9 साल से भास्कर गरबा में शिरकत कर रही हूं। वर्कशॉप में सीखकर नृत्य करने का मजा ही कुछ और है। शहर का यह एकमात्र गरबा वर्कशॉप है, जहां न सिर्फ पूर्ण प्रशिक्षण मिलता है अपितु खुलकर नृत्य करने का अवसर भी प्राप्त होता है। - सोनी गौर, हंसापुरी
धमाल करना है : मैं पिछले तीन साल से भास्कर गरबा प्रशिक्षण कार्यशाला में आ रहा हूं। हर बार नए-नए स्टेप्स, नए-नए गाने पर गरबा नृत्य करने का मौका मिलता है। इस बार कस्तूरचंद पार्क में धमाल मचाना है। मेरे साथ मेरे दोस्त भी रहेंगे। -मंगेश धनवटे, सावनेर
Created On :   5 Oct 2023 4:18 PM IST